December 23, 2024

विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षक हड़ताल पर….. वेतन विसंगति दूर करने की मांग… सूरजपुर जिले के शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी।

विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षक हड़ताल पर…..वेतन विसंगति दूर करने की मांग… सूरजपुर जिले के शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी।

मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर-छ ग सहायक शिक्षक /समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर सूरजपुर जिला एवं ब्लॉक मुख्यालयों में विगत 10 अगस्त 2023 से लगातार तीसरे दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है शिक्षकों की प्रमुख एकसूत्रीय मांग प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना करते हुए वेतन विसंगति दूर करना,क्रमोंन्नत वेतनमान, 20 वर्ष में पुरानी पेंशन का लाभ आदि को लेकर हड़ताल जारी है। हड़ताल के कारण समस्त स्कूलों में पढ़ाई ठप पड़ गयी है अधिकांश शिक्षक हड़ताल के दौरान निर्वाचन कार्य मतदाता पुनरीक्षण को प्राथमिकता देते हुए ड्यूटी में काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन करते हुए प्रदेश सरकार का ध्यानाकर्षण करा रहे हैं। शिक्षक फेडरेशन के कार्यकारी जिला अध्यक्ष राकेश सेंकराज ने बताया कि तीन दिवस के धरना प्रदर्शन के पश्चात् प्रांतीय निर्देश के अनुसार दिनाँक 13.08.2023 से शिक्षकों का यह हड़ताल राजधानी रायपुर के बूढा तालाब स्थित धरना स्थल से संचालित होगी जिसमें प्रदेश भर के लगभग 109000 शिक्षक एल बी संवर्ग शामिल होकर अनिश्चित कालीन उग्र प्रदर्शन करेंगे एवं जब तक कि मांग पूरा नहीं हो जाता तब तक डटे रहेंगे।
आपको बताते चलें की शिक्षक एल बी संवर्ग लगभग साढ़े चार 4 वर्षों से वेतन विसंगति के निदान के लिए बीच बीच में…कभी हड़ताल तो कभी ज्ञापन सौंप कर मांग करते आ रहे हैं किन्तु प्रदेश की भूपेश सरकार ने आज तक इनकी मांग को नहीं सुना है और न ही कोई ठोस निर्णय ले पाया है मुख्यमंत्री के निर्देश पर इनकी मांगो को लेकर एक कमेटी गठित की गयी थी जिसका रिपोर्ट आज प्रयन्त नहीं आने से शिक्षकों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है।लिहाजा ये शिक्षक संवर्ग विधानसभा चुनाव से पहले सरकार पर लगातार दबाव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कयास लगायी जा रही है प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने किये वादे को जरूर पूरा करेगी और सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर उन्हें एक बड़ी सौगात देगी। जिला मुख्यालय सूरजपुर के रंगमंच मैदान धरना स्थल में आज सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया… जिसमें संगठन के पदाधिकारीयों में प्रमुख रूप से विजय साहू, निर्मल भट्टाचार्य, राकेश सेंकराज, महेन्द्र प्रताप राजवाड़े, विवेक पैकरा,शशि भूषण दुबे,बृजेश तिवारी ब्रम्हानंद दुबे, बोस प्रताप सिंह, बाबूलाल राजवाड़े, सुरेंद्र कुमार सिंह, रघु पाल सिंह, गौहर राम प्रजापति, पीला सिंह, महिपाल सिंह, अमरकली पैकरा के साथ अन्य शिक्षक शामिल थे।

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