संविदा कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने की 3 दिन का अल्टीमेटम. क्रोधित संविदा कर्मचारी ड्यूटी पर लौटने से किया इंकार
संविदा कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने की 3 दिन का अल्टीमेटम
क्रोधित संविदा कर्मचारी ड्यूटी पर लौटने से किया इंकार
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर 28 जुलाई 2023/ छ0 ग0 सर्व संविदा कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी एक सूत्री मांग नियमितीकरण को लेकर 03 जुलाई 2023 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है। आज 45000 से अधिक संविदा कर्मचारियों की आंदोलन 26 वे दिन भी जारी है। आपको बता दे कि राज्य सरकार के द्वारा हड़ताली संविदा कर्मचारियों पर एस्मा लगाकर 3 दिवस में कार्य पर उपस्थित होने हेतु विभाग प्रमुख द्वारा निर्देशित किया गया है। सरकार के द्वारा एस्मा लगाने से समस्त संविदा कर्मचारी क्रोधित है और अपने कार्य पर उपस्थित होने से इनकार किया, आज सूरजपुर जिले के समस्त संविदा कर्मचारियों के द्वारा ड्यूटी पर नहीं जाने की लिए ली शपथ। जिला संयोजक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा की जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक हम अपने कार्य पर नहीं लौटेंगे इसके लिए हमे कोई भी कीमत चुकानी पड़े। ऐसा हम इसलिए कह रहे है चुंकि यह पहला मामला होगा कि किसी भी कर्मचारी संगठन ने इससे पहले इतना बड़ा कदम उठाया हो।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष बृजलाल पटेल ने बताया कि संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण नही करने एवं कर्मचारियों पर एस्मा कानून लगाये जाने पर महासंघ घोर निंदा करता है। कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था, कि समस्त संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण एवं किसी भी संविदा कर्मचारी की छटनी नहीं की जाएगी , किंतु इसके विपरीत कड़ा दंडनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
हमारी एक सूत्रीय मांग चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जावे।
महासंघ के जिला प्रवक्ता तोपान सिंह दायमा एवं मनोज जायसवाल ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी से हमे फर्क नही पड़ता यह कर्मचारी जगत के लिए संवेदनहीनता की पराकाष्ठा वाला आदेश है हम समस्त कर्मचारी जगत से इसके विरोध में सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए अपील करते हैं,यह आंदोलन बिना लक्ष्य पूर्ति के समाप्त नहीं होने वाला है।
महासंघ के जिला संयोजक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि “कांग्रेस सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था कि हमारी सरकार बनते ही 10 दिन में सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा. सत्ता में आने के बाद अब साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद भी संविदा कर्मचारी को नियमित नहीं किया गया है।