जिले के काले हीरे की नगरी कहे जाने वाली भटगांव एसएसीएल क्षेत्र में बेलगाम भारी वाहन
जिले के काले हीरे की नगरी कहे जाने वाली भटगांव एसएसीएल क्षेत्र में बेलगाम भारी वाहन
मो0 सुल्तान सूरजपुर
.सुरजपुर/:– जिले के काले हीरे की नगरी कहे जाने वाली भटगांव एसएसीएल क्षेत्र में बेलगाम भारी वाहन एवं प्रशासनिक अदूरदर्शिता से औद्योगिक क्षेत्र भटगांव की जर्जर सड़कों में बड़े बड़े गड्ढे मानो किसी पढ़े घटना को आमंत्रित करता दिखाई दे रहा है वही जिम्मेदार किसी के मौत के इंतजार में हाथों में हाथ रख सिर्फ एसईसीएल कंपनी और ट्रांसपोर्टर मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए सिर्फ टूट चुकी रोड पर कोयला ढुलाई का काम करने में मदमस्त है।
जरही से भटगांव जाने वाली मार्ग अपनी अस्तित्व को बनाए रखने खुद लड़ाई करते दिखाई दे रही हैं
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के जरही से भटगांव जाने वाली सड़क अपना अस्तित्व खो चुकी हैं। अर्से से मरम्मत की बाट जोह रही सड़कों में भारी वाहनों के फर्राटे भरने से सड़कों पर घुटने भर के जानलेवा गढ्ढे बन आए हैं। जिससे खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए सड़क पर आवागमन करना मुश्किल हो चुका है। बरसात में गड्ढों में पानी भरे होने के कारण गहराई का पता नहीं चल रहा है, जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
जरही से भटगांव जाना ग्राम पंचायत बरौधी और दुग्गा के ग्रामीणों का हुआ दूभर
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में कहने को तो कई बड़े बड़े कोयल खदाने स्थापित हैं जो अंडर ग्राउंड और ओपन माइंस में कोयला निकाला जाता है जहा उत्पादन की गई कोयला ट्रांसपोर्टर के माध्यम से भटगांव सीएचपी तक ले जाना होता है तब सीएचपी से रेल मार्ग से अन्य स्थान भेजा जाता है जबकि उत्पादन की गई कोयला ट्रांसपोर्टर की गाड़ियों से सीएचपी तक ले जाने के लिए जरही नगर पंचायत से नगर पंचायत भटगांव तक का सफर करना पड़ता है जिसके बीच में दो ग्राम पंचायतें भी आती हैं जिसमें से एक ग्राम पंचायत बरौधी और दूसरा ग्राम पंचायत दुग्गा है जिसमे से एक ग्राम पंचायत बरौधी नगर पंचायत जरही में स्थित डीएवी स्कूल सुरक्षा द्वार से शुरू होता है और दूसरा ग्राम पंचायत दुग्गा भटगांव नगर पंचायत बॉर्डर में लगा एडी जुबली और संत चार्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से शुरू होता है जिस बीच की रोड की स्थिति बद से बदतर हो गई है जिसमें फोर व्हीलर से चलाना तो दूर मोटरसाइकिल या फिर पैदल चलना भी दूभर होता जा रहा है जिसमें अधिकांश मोटरसाइकिल से चलने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है जहां बड़े-बड़े गाड़ियों के चलने के कारण साइड लेने और धूल धक्कड़ होने से आंखों में जाना और बड़े-बड़े गड्ढे होने से कभी भी बड़ी दुर्घटना का शिकार होना भी बना रहता है कि जिस रास्ते से हम चल रहे हैं क्या घर पहुंच पाएंगे या फिर यहां से सीधे अस्पताल जाएंगे किसी भी दुर्घटना का शिकार होकर।
ग्राम पंचायत बरौधी के एक छोर पर डीएवी पब्लिक स्कूल और ग्राम पंचायत दुग्गा के दूसरे छोर पर स्थित है दो स्कूल
भटगांव एसईसीएल क्षेत्र में जहां जरही से भटगांव जाने वाली रोड की दुर्दशा देखने लायक हुई है इसी बीच दोनों छोरों पर सेकेंडरी स्कूल संचालित है जो कि एक एसईसीएल भटगांव के द्वारा डीएवी स्कूल का संचालन ग्राम पंचायत बरौधी के बॉर्डर पर किया जा रहा है वही एडी जुबली स्कूल और संत चार्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल का संचालन दुग्गा ग्राम पंचायत के एक छोर पर किया जा रहा है जो यह तीनों स्कूल जरही भटगांव जाने वाली इस टूटे-फूटे रोड के किनारे ही संचालित हो रहे हैं जहां इन बच्चों को आना जाना होता है फिर भी जिम्मेदारों के द्वारा इस रोड की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इस रोड पर चलने वाली छोटे और बड़े गाड़ियों का आपस में कभी भी हो सकता है एक बड़ी भिड़ंत
जरही से भटगांव जाने वाले इस बद से बदतर रोड पर कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है क्योंकि कोयला लोड ट्रांसपोर्टर की गाड़ियां बेलगाम रूप में इस रोड पर चलती है जिनकी कोई सीमा तय नहीं है जो बेलगाम रूप धारण कर इस रोड पर दौड़ते रहती हैं वही इस रोड के किनारे संचालित हो रहे तीन हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे भी मोटरसाइकिल के माध्यम से आवागमन करते हैं जो कई बच्चे तो ऐसे हैं जो रेस लगाते हुए दिखाई देते है वही फोर व्हीलर भी फर्राटा लगाने में पीछे नहीं है जहां इस टूटे हुए बड़े-बड़े गड्ढे में तब्दील रोड पर कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
पुलिस प्रशासन को निभाना होगा एक अहम रोल
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में जरही से भटगांव जाने वाली रोड पर कोयला ट्रांसपोर्टर की गाड़ियों सहित फोर व्हीलर टू व्हीलर चालकों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है जहां कई गाड़ी चालक ऐसे हैं जो सावधानीपूर्वक गाड़ी चलाना जरूरी नहीं समझते जिनकी वजह से सावधानीपूर्वक चलने वाले लोग दुर्घटना के शिकार होते होते बच रहे हैं जो सिर्फ फर्राटा लगाने रेस लगाने में ही विश्वास रखते हैं जहां इनके रोक-टोक पर कोई विशेष ध्यान स्थानीय प्रशासन के द्वारा नहीं दिया जा रहा है जहां कोयला ट्रांसपोर्टरों के गाड़ियों में सुरक्षा मानक रूप में ना तो नंबर प्लेट होती है ना रेडियम चिपके होते हैं और ना ही कभी इंडिकेटर जलते हुए दिखाई देते हैं फिर भी बेरोकटोक क्षेत्र में गाड़ियों का आवागमन जारी रहता है लेकिन इनका सुध लेने वाला कोई नहीं है।
भटगांव एसईसीएल क्षेत्र में अंडर ग्राउंड सहित कई ओपन माइंस के खदान स्थापित है। कोल परिवहन के प्रतिदिन सड़कों पर सैकड़ों भारी वाहन दौड़ रहे हैं। जिससे सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है। सड़कों पर बने गड्ढों से यह पहचान पाना मुश्किल हो गया है कि गड्ढों में सड़क है या सड़कों पर गड्ढा बना हुआ है अब अधिकांश बड़ी गाड़ियां इस सड़क का उपयोग करना ही छोड़ दिए हैं जो गाड़ियां सिर्फ रोड के किनारे चलती दिखाई दे रहे हैं अगर समय रहते इस और जिम्मेदारों और एसईसीएल महाप्रबंधक के द्वारा कोई विशेष पहल नहीं की जाती है तो आने वाले दिनों में ग्रामीणों के द्वारा एक बड़ी उग्र आंदोलन किया जा सकता है जिसका सामना एसईसीएल कंपनी सहित जिम्मेदारों को करना पड़ सकता है।