December 23, 2024

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के कलाकारों से हुए रू-ब-रू, छत्तीसगढ़िया संस्कृति को संवारने में महती योगदान को सराहारा !

यपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की कड़ी में आज छत्तीसगढ़ के कलाकारों से रू-ब-रू हुए. उन्होंने कार्यक्रम में पद्म पुरुस्कार विजेता, राज्य पुरुस्कार विजेता, लोक कलाकार, फ़िल्म आर्टिस्ट, तकनीशियन और निर्माता – निर्देशकों से मुलाकात कर विभिन्न मुददों पर चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संवारने में उनके महती योगदान की सराहना की.मुख्यमंत्री बघेल ने हरेली तिहार की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के सांस्कृतिक एवं पारंपरिक धरोहरों को बचाने और संवारने में कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने नाचा के पुरोधा स्वर्गीय हबीब तनवीर, चन्दैनी गोंदा के संस्थापक स्व. खुमान साव का स्मरण करते हुए उनके अतुलनीय योगदान की सराहना करते हुए कहा कि लोक कला के जरिए छत्तीसगढ़ को विशेष पहचान दिलाई.मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कलाकार जब अपनी प्रस्तुति देते हैं, तो वह समाज की जनभावना को रेखांकित और प्रस्तुति के माध्यम से अभिव्यक्ति प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि लोक विधा कर्मा के अनेकों शैलियां प्रचलित हैं, अनेक विधाओं में नई शैलियां कलाकारों ने निकाली हैं. छत्तीसगढ़ में गायी जाने वाली पंडवानी पूरे देश में नहीं गायी जाती. भरथरी, पंथी जैसी विधाओं को अंतर्राष्ट्रीय पहचान देने का काम हमारे छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने किया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की खानपान, हमारी बोली भाखा, संगीत, गीत, नृत्यशैली सबको उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक जोड़ने का काम कलाकारों ने किया है. जब एक दौर था जिसमें नाचा मशाल जलाकर किया जाता था, फिर माइक सेट का दौर आया. उन्होंने कहा कि रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. राम वन गमन परिपथ को विकसित करने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने प्रदेश के हर विकासखण्ड मुख्यालय में मॉडल जैतखाम बनाने की बात दोहराई.मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में अपने बचपन से जुड़े अपने अनुभव भी सुनाए. उन्होंने कहा कि मेरा बचपन कलाकारों से जुड़ा रहा, लोक कला के ज्यादातर विधाओं का प्रभाव मेरे जीवन में पड़ा. छत्तीसगढ़ की पहले जब चर्चा होती थी तो नक्सल घटना, जवानों की शहादत की खबरें आती थी. अब यहां की संस्कृति और परंपरा की चर्चा होती है.मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई, कलाकारों को भी इसका लाभ मिल रहा है, मुझे इसकी खुशी है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में हर वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, हमने अरपा पैरी के धार को राजगीत बनाया. तीज-तिहार की छुट्टियां घोषित की, अब सब तीज-तिहार मना रहे हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि जब जेब में पैसा रहता है तो तीज-तिहार का आनंद ही अलग होता है, इसलिए हमने किसानों को उऋण किया और अब समय-समय पर विभिन्न योजनाओं का पैसा भी दे रहे हैं। पहले लोग बोरे बासी खाने में संकोच करते थे, लेकिन अब श्रमिक दिवस 1 मई को बोरे-बासी दिवस घोषित करने के बाद से सब लोग न केवल बोरे-बासी खाते हैं, बल्कि सोशल मीडिया में फ़ोटो भी अपलोड करते हैं.इस मौके पर संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, पद्म भारती बंधु, पद्म मदन चौहान, पद्म उषा बारले, निर्माता निर्देशक मनोज वर्मा, सतीश जैन, ममती रजनी रजक समेत प्रदेशभर के कलाकार उपस्थित थे.

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