December 23, 2024

निजी हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही से एक मासूम को गंवानी पड़ी जान, 5वीं कक्षा के छात्र को जहरीले सांप के डसने की आशंका, सूचना के बाद भी समय पर नहीं कराया इलाज, हो गई मौत।

निजी हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही से एक मासूम को गंवानी पड़ी जान, 5 वीं कक्षा के छात्र को जहरीले सांप के डसने की आशंका, सूचना के बाद भी समय पर नहीं कराया इलाज, हो गई मौत।

मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर/विश्रामपुर थाना अंतर्गत ग्राम सतपता स्थित निजी बीएल हॉस्टल में मंगलवार की रात 5वीं कक्षा में अध्ययनरत छात्र को सोते समय शंका है जहरीले सांप ने डस लिया था। समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण छात्र की बुधवार की सुबह जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। छात्र के माता-पिता ने बिश्रामपुर के कार्मेल कान्वेंट स्कूल इंग्लिश मीडियम में बेटे का इसी साल दाखिला कराया था। वहीं उसके हॉस्टल में रहने की व्यवस्था की थी। इस घटना के पीछे हॉस्टल प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आई है। छात्र के पिता ने प्रशासन से मामले की जांच के बाद हॉस्टल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम डांडक़रवां निवासी अनुज कुमार पटेल ने इसी सत्र में कक्षा पांचवी में अपने 11 वर्षीय पुत्र विवेक कुमार पटेल का दाखिला बिश्रामपुर स्थित कार्मेल कान्वेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवाया था। स्कूल में एडमिशन के बाद नजदीकी निजी हॉस्टल बीएल हॉस्टल में 24 जून को बच्चे के रहने की व्यवस्था कराई थी।

लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि निजी हॉस्टल उनके बच्चे के लिए काल बन जाएगा। बताया जा रहा है कि छात्र विवेक कुमार पटेल मंगलवार की रात खाना खाकर अपने बेड पर सो रहा था, शंका है इसी दौरान उसे जहरीले सांप ने उसे डस लिया था। गहरी नींद में होने के कारण छात्र को सांप डसने का पता नहीं चला।

इधर हॉस्टल प्रबंधन के सफाई कर्मचारियों ने रात करीब 12 बजे एक जहरीले सांप को कमरे के बाहर बैठे देखा और उसे बाहर फेंका था। उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि सांप ने बच्चे को डस लिया है। रात 3.30 बजे छात्र की नींद खुली तो उसने पेट में दर्द, उल्टी एवं सिर घूमने की शिकायत सफाई कर्मचारियों से की थी, लेकिन छात्र की बातों को हल्के में लेते हुए हॉस्टल प्रबंधन के द्वारा समय पर प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध नहीं कराया गया।

छात्र को बुधवार की सुबह 7.30 बजे विश्रामपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया। यहां छात्र की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सूरजपुर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। सूरजपुर अस्पताल ले जाते समय छात्र ने रास्ते में ग्राम पचीरा के पास दम तोड़ दिया। उक्त दुखद घटना से बच्चों के परिजन जहां सदमे में हैं वहीं स्कूल प्रबंधन ने 2 मिनट का मौन एवं एक दिवस के लिए स्कूल बंद कर अपनी औपचारिकता पूर्ण कर ली है।

हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से मैंने अपना बच्चा खोया

इस संबंध में मृतक बच्चे के पिता अनुज कुमार पटेल ने बताया कि बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के लिए कठिन परिश्रम करते हुए पैसे जोडक़र कार्मेल कान्वेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल में दाखिला करवाया था, लेकिन मेरे बच्चे को बीएल हॉस्टल ने निगल लिया। यदि हॉस्टल प्रबंधन द्वारा समय पर बेटे का प्राथमिक उपचार करवा दिया गया होता तो आज वह मेरे सामने होता। सांप के काटने के 7 से 8 घंटे बाद उन्होंने हॉस्पिटल का रुख किया और मुझे इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे प्रशासन से बीएल हॉस्टल के खिलाफ जांच करते हुए कठोर कार्यवाही करें ताकि दूसरे मां-बाप अपना बच्चा न खोएं।

नियमों का नहीं होता है पालन

गौरतलब है कि बिश्रामपुर क्षेत्र में आधा दर्जन से भी अधिक निजी हॉस्टल घरों के भीतर संचालित हैं, जो नियमों के विपरीत चल रहे हैं। यहां क्षमता से अधिक बच्चों को रखा गया है। मोटा पैसा कमाने की फिराक में बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में सांप हॉस्टलों में घुस रहे हैं। वहीं भेड़-बकरियों की तरह बच्चों को रखने की वजह से समय-समय पर बच्चे संक्रमण का शिकार भी होते हैं। इस मामले में सबसे बड़ा विषय यह है कि आज तक इस मामले में न तो जिला प्रशासन और न ही संबंधित स्कूल प्रबंधन द्वारा सुध ली गई। यही वजह है कि आज इतनी बड़ी घटना एक निजी हॉस्टल में घटित हो गई।

क्षमता से ज्यादा बच्चे और वसूलते हैं मोटी फीस

बताया जा रहा है कि निजी हॉस्टल प्रबंधन 1 बच्चे से 10 माह का कुल 50 हजार रुपए शुल्क वसूल करते हैं। वहीं एक निजी हॉस्टल में 100 बच्चों को ठूस कर रखा गया है, इस हिसाब से निजी हॉस्टल सालाना कुल 50 लाख का खेल करते है। मृत बच्चे के पिता ने भी इस बात की जानकारी दी कि 10 माह का 50 हजार उनसे बीएल हॉस्टल के संचालक ने मांगा था। बीएल हॉस्टल के संचालक अंबिकेश्वर त्रिपाठी व रेनू त्रिपाठी क्षेत्र में 2 मेडिकल स्टोर के संचालक भी हैं।

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