बंटेश्वर सारथी तीसरी बार बने शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष,सदस्यों को दिलाई शपथ नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिनियम 2009 अंतर्गत किया गया शाला प्रबंध समिति का पुनर्गठन
बंटेश्वर सारथी तीसरी बार बने शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष,सदस्यों को दिलाई शपथ
नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिनियम 2009 अंतर्गत किया गया शाला प्रबंध समिति का पुनर्गठन
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर – शासकीय प्राथमिक शाला चट्टीडांड़ में शाला प्रबंध समिति के पुनर्गठन को लेकर अभिभावकों की बैठक बंटेश्वर सारथी की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित की गई । बैठक में स्कूल के सफलतापूर्वक संचालन के लिए शाला प्रबंध समिति के पुनर्गठन का प्रस्ताव प्रधान पाठक गौतम शर्मा के द्वारा रखा गया। आयोजित बैठक में शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित समिति के सदस्यों के चयन को लेकर विचार – विमर्श उपरांत 16 सदस्य चुने गये। नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिनियम 2009 अंतर्गत बनाये गये नियम 2010 के नियम 3 के अनुसार समिति में 75 प्रतिशत सदस्य अर्थात् 12 सदस्य बच्चों के माता – पिता या पालक, शेष 25 प्रतिशत सदस्य अर्थात् 4 सदस्य में से 1 पंचायत के निर्वाचित सदस्य, 1 विद्यालय के शिक्षक और 1 सदस्य विद्यालय के विद्यार्थी का चयन किया गया। समिति के 50 प्रतिशत अर्थात् 8 पदों पर महिला सदस्यों को नियुक्त किया गया है। अभिभावकों द्वारा सर्वसम्मति से बंटेश्वर सारथी को उनकी विद्यालय के प्रति निष्ठा, ईमानदारी, लगन विद्यालय के प्रति सहयोग की भावना को देखते हुए लगातार तीसरी बार शाला प्रबंध समिति का अध्यक्ष चुना गया। इसके साथ ही महेश सारथी को उपाध्यक्ष,गौतम शर्मा को संयोजक और विनिता सिंह को सह संयोजक के रूप में चयन किया गया। वही श्रीमती चन्द्रलेखा, श्रीमती सुरेखा, अमेला कुमार, देववंश, राजेश, सरीफन, श्रीमती जानकी देवी, श्रीमती सोनामती, श्रीमती नीलमा, श्रीमती कौशिल्या, श्रीमती सीमावती और कुमारी भूमि को सदस्य के रूप में चुना गया। अध्यक्ष बंटेश्वर सारथी ने समिति के सदस्यों को शाला प्रबंध समिति के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए शपथ दिलाया और कहा कि हम सभी को मिलकर चट्टीडांड़ स्कूल का सर्वांगीण विकास करने में अपना शत् प्रतिशत योगदान देना होगा,क्योंकि ये अकेले संभव नहीं है। इस समिति का कार्यकाल शिक्षा सत्र 2023 – 24 के लिए होगा। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया संकुल केन्द्र जयनगर आजाक के संकुल समन्वयक संजय मिश्रा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।