पद्मश्री माता राजमोहनी देवी की जयंती पर अनुयायियों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया
पद्मश्री माता राजमोहनी देवी की जयंती पर अनुयायियों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर/प्रतापपुर- पद्मश्री माता राजमोहिनी देवी की जयंती पर उनके समाधी स्थल रजमेलान में उनके अनुयायियों ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। इस दौरान उनकी पुत्री रामबाई ने लोगों को उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प दिलाया। इसके अलावा प्रतापपुर,वाड्रफनगर व अन्य आश्रम में उनके भक्तों ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। साथ आश्रम स्थल पर वृक्षारोपण भी किया
छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु मध्यप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा में सत्य, अहिंसा, स्वच्छता, शराबबंदी, भूदान सहित अन्य कई आंदोलन की अलख ग्रामीण आदिवासी अंचल में जगाने वाली पद्मश्री माता राजमोहिनी देवी को उनके ज्ञान स्थल व समाधी स्थल रजमेलान में श्रद्घांजलि देने के लिए सुराजी भक्त एकत्रित हुए। प्रातः सात बजे उनकी पुत्री रामबाई ने समाधी पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्घांजलि दी। इस दौरान नारी के रूप में उनकी स्थापित प्रतिमा की पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान परंपरागत वाद्ययंत्र ताल मृदंग के साथ भक्तों ने उनके लिए भजन गाते हुए राम भजो भई गोविंद भजो भाई के गीत गाए। कार्यक्रम के दौरान पुत्री रामबाई ने उपस्थित भक्तों को नशाबंदी, स्वच्छता व उनके संदेश पर अमल करने के लिए संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को उनके संदेश को आत्मसात करना चाहिए। तभी समाज आगे बढ़ सकता है। इस दौरान गोविंद राम उइके ने शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि माताजी ने शिक्षा को पिछड़े क्षेत्र के लिए सशक्त हथियार बताया था। उन्होंने 50 के दशक से 90 के दशक तक वनांचल के लोगों को शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने शिक्षित समाज के ही आगे विकास करने की बात कहते हुए इसके लिए कई अभियान चलाए थे। हमें आज उन्हीं के संदेश को आत्मसात करते हुए नई पीढ़ी को यह ज्ञान देना चाहिए। शिक्षित समाज ही संगठित हो सकता है। बापू आदिवासी धर्मसभा के अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह टेकाम ने वर्तमान में समाज में फैल रही कुरीतियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज भी माताजी के संदेश व मार्ग प्रासंगिक है। हमें आज उनके द्वारा स्थापित आश्रमों को सशक्त बनाते हुए समाज को संगठित करना चाहिए ताकि समाज के सभी वर्ग में उनके संदेश को प्रसारित करते हुए समाज को सही दिशा में ले जाया जा सके। इस दौरान उपस्थित भक्तों ने संकल्प को पुनः दोहराया। कार्यक्रम में अमृत सिंह मरावी महामंत्री गोविंद राम रामचरित्र रामखेलावन सिंह मरावी दशरथ राम रामसूरत विशाल कुमार सालिक गोपाल सिंह टेकाम संरक्षक श्रीमती राम बाई जवाहर सिंह, शिवकुमार, शिवप्रसाद, रामलाल, जगनारायण, हरिश्चंद्र, रूपचंद्र, सहदेवराम, बालेश्वर सहित अन्य क्षेत्रों से आए भक्त उपस्थित थे।