मुख्यालय में नही रहते स्वास्थ्यकर्मी, अपनी मर्जी से आते हैं अस्पताल बाहरी उपचार कराकर कर रहे आर्थिक शोषण
मुख्यालय में नही रहते स्वास्थ्यकर्मी, अपनी मर्जी से आते हैं अस्पताल
बाहरी उपचार कराकर कर रहे आर्थिक शोषण,
सूरजपुर- जिले के कई स्वास्थ्य केंद्र भगवान भरोसे चल रहे हैं। यहां के डॉक्टर,स्वास्थ्यकर्मी,नर्स सभी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र खुलता है तो स्वास्थ्यकर्मी कभी समय पर नहीं आते और मुख्यालय में नही रहा करते है। स्वास्थ्य केंद्र मजबूत होनी चाहिए, लेकिन असलियत में यहां हालत बिल्कुल ही दयनीय है। जिसके चलते लोगों को निजी अस्पताल एवं डॉक्टर से इलाज करवाना पड़ता है। विधानसभा चुनाव के आहट के बीच क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा भी लोगों के जुबान पर जोर पकड़ने लगा है। सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखण्ड इसका जीता जागता उदाहरण है।
भैयाथान ब्लॉक मुख्यालय के अंतर्गत दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जो कि भैयाथान और भटगांव में संचालित है। वही सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद बतरा, चंद्रमेढ़ा, चुंनगड़ी, सलका, बंजा, बैजनाथपुर (ब), सोनपुर और इसके अंतर्गत 32 उपस्वास्थ्य संचालित है।सेवारत शासकीय अधिकारी-कर्मचारी मुख्यालय में रहते ही नहीं। रोज अप-डाउन करते है सीएमएचओ के आदेश के बाद भी मुख्यालय में रहना उचित नही समझते, ऐसे कर्मचारी सुबह समय पर ड्यूटी नहीं आते और शाम को जल्द दफ्तर भी छोड़ देते हैं। इसका सीधा असर जनता से जुड़े कामों में पड़ रहा है। लोग कामों के लिए चक्कर काट रहे हैं। विकासखण्ड स्तर पर पदांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद, उपस्वास्थ्य केंद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत अनेक कर्मचारी का मुख्यालय अपने कर्तव्य स्थल पर नहीं होने से दूरस्थ स्थानों से इनके कार्यालयों में आने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। स्थान पर कोई अपना मुख्यालय नही रखे हैं एवं समय पूर्व गन्तव्य को कूच कर लेते हैं। असलियत में यहां हालत बिल्कुल ही दयनीय है। जिसके चलते लोगों को निजी अस्पताल एवं डॉक्टर से इलाज करवाना पड़ता है। अस्पतालों में कमीशन खोरी के चलते इलाज कराने आ रहे मरीजों को बाहर की दवा लिखकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर जिम्मेदार अधिकारी भी जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। अस्पताल के जिम्मेदारों की लापरवाही का ही नतीजा है कि अस्पताल में तैनात कई डॉक्टर खुलेआम बाहर की दवाएं लिखकर कमीशन खोरी करने में लगे हुए हैं। मौसम के बदलते मिजाज के साथ मरीजों की संख्या में इजाफा है जिसका फायदा तैनात डॉक्टर उठाने से बाज नहीं आ रहे। जबकि ओपीडी में मरीज पहले आकर डॉक्टरों का इंतजार करते हैं। भीड़ होने पर धक्का-मुक्की के बीच मरीजों इलाज कराना पड़ता है। कई डॉक्टर कक्ष में मौजूद नहीं रहते है। इतना ही नहीं, परिसर में पशु घूमते नजर आते है। मरीज अस्पताल आते हैं। यहां आते ही उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है।
कांग्रेस की हो रही किरकिरी, भाजपा को मौका
वहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और लचर सेवा के चलते भाजपाइयो को भी बोलने का मौका मिल गया है। बता दें कि सूरजपुर जिले के तीनो विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हैं। बावजूद इसके इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नेता तो शायद चुनाव जितने के बाद जनता की सुध लेना ही भूल जाते हैं। ऐसे में अगर हालात यही रहे तो आने वाले चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
सभी को मुख्यालय में रहने के लिए निर्देशित किया गया है। जो नही रहते है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उत्तम सिंह
बीएमओ, भैयाथान।