December 24, 2024

गणेश राम चौहान ने शांति जीडी व भू दलालों पर लगाया गंभीर आरोप ………

गणेश राम चौहान ने शांति जीडी व भू दलालों पर लगाया गंभीर आरोप ………

गर्वित मातृभूमि/एजेंसी:- चाम्पा तहसील से कुछ दूरी पर ग्राम पंचायत महुदा है शासन के योजना के तहत 4 एकड़ भूमि जीवकोपार्जन हेतू सन 1929-30 में स्व श्री सुखीराम चौहान को भू दान दिया गया था अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर के द्वारा सन 1976 में काबिज घास्त घोसित किया जा चुका था जिससे उसके परिवार का कृषि कार्य करके पालन पोषण चल रहा था सुखीराम चौहान के मृत्युउपरांत उस में भूमि में गणेशराम चौहान अपना जीवकोपार्जन किया करता था ग्राम महुदा जहाँ पर वर्ष 2007-08 में शांति जीडी पावर इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना हेतू ग्राम महुदा में मुनादी/चिन्हित किया गया जिसमें उक्त 4 एकड़ भूमि भी थी,गणेश राम चौहान की 4 एकड़ कृषि भूमि को भू दलाल गोपी राठौर रामजी राठौड़ व नरेद्र साहू ने प्लांट प्रबंधन के साथ मिलकर दस्तावेजों को कूटरचना करके हड़प लिया गया है …आज 14 सालों से न्याय के लिए गणेशराम चौहान दर दर भटक रहा हैं गणेश राम चौहान की दयनीय स्थिति को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता गनपत शर्मा ने गणेशराम चौहान को न्याय दिलाने का जिम्मा अपने कंधों पर उठा लिया हैं गनपत शर्मा ने हमें बताया कि गणेश राम चौहान एक सीधा साधा भोला भाला इंसान हैं जिसे दलालों ने अपने झांसे में फंसा कर अमीर बनने के सपने दिखाए उसे सराब आदि पिलाकर उसके कागजात अपने पास रख लिए गए गरीब आदमी को अमीर बनने के सपने देखने पर अच्छा लगता है गणेशराम चौहान उनके बहकावे में आ गया और रोज दलालों के साथ बैठने लगा । गनपत शर्मा जी का कहना है कि शासन की नीतियों के अनुरूप जमीन अधिग्रहण प्रकिया का पालन ना करते हुए शांति जीडी पावर कंपनी ने जमीन दलालों के साथ मिलकर किसानों की जमीन को जबरन अधिग्रहण किया हैं और जो फायदा किसानों को मिलनी चाहिए वह फायदा जमीन दलालों को दिया गया हैं गनपत शर्मा ने आगे बातचीत में बताया कि पुनर्वास नीति के तहत गणेशराम चौहान को मकान रोजगार आदि की सुविधा दिया जाना चाहिए जबकि प्लांट प्रबंधन द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया हैं ना ही गणेश राम चौहान को मुआवजा दिया गया और ना ही 14 सालों में रोजगार दिया गया ?? दर दर की ठोकर खाने के बाद गनपत शर्मा के प्रतिनिधित्व में न्याय के लिए गणेशराम चौहान के द्वारा तहसीलदार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया । जिसमें उन्होंने शासन से अपनी जमीन की मुआवजा एवं रोजगार की मांग किया हैं साथ ही अपनी कृषि भूमि पर दस्तावेजो के साथ कूटरचना किये जाने के पर जमीन दलालों व प्लांट प्रबंधन के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने का मांग किया गया हैं …

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