लोक समता शिक्षण समिति [LS3] का संवैधानिक शपथ आदर्श विवाह समारोह संपन्न
गर्वित मातृभूमि बेमेतरा से दुर्गम दास की रिपोर्ट - जनवादी प्रगतिशील मानवतावादी उद्देश्यों व कार्यक्रमों को संचालित करने वाली संस्था *"लोक समता शिक्षण समिति" [LS3] पं. क्र.- 12220 1960 583] द्वारा जातिवादी भेदभाव, धार्मिक पाखंड- दिखावा, फिजूल खर्च विरोधी एवं संवैधानिक आजाद ख्यालात से संवैधानिक आदर्श विवाह करने का अभियान चलाया जा रहा है। LS3 के इस अभियान के अंतर्गत सुश्री *किरण साहू* एवं श्री *वीरेंद्र कुमार बंजारा* से हलफनामा युक्त आवेदन LS3 को प्राप्त हुआ।
इस आवेदन का तथ्यान्वेषण पश्चात सभी बातें कानून सम्मत पाए जाने पर उनका विवाह दि.09-06-2023 को लोक समता शिक्षण समिति [LS3] कार्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ में संपन्न हुआ।
LS3 के संरक्षक, गुरुघासीदास सेवादार संघ [GSS] के केंद्रीय संयोजक एवं जाति उन्मूलन आंदोलन छत्तीसगढ़ राज्य संयोजक श्री लखन सुबोध ने भारतीय संविधान ग्रंथ को साक्षी मानकर उन्हें वैवाहिक शपथ दिलाया।
इस अंर्तजातीय विवाह में एक विशिष्ट तथ्य यह देखने में आया कि,जहां अंर्तजातीय विवाह करने वाली लड़कीयों के माता-पिता - पल्या *लड़की को मर गई* कहकर " शव में मिट्टी डालने व मृत्यु भोज करने " का सस्कर किया जाता है, और कहीं -कहीं जिंदा जला देने -हत्या कर देने *[कथित आनर किलिंग]* की घटनाऐं होती है ।।
वहीं इस विवाद में युवती [ *साहू* ] ने बतायी कि ,उनकी माँ व नानी ने युवक [ *सतनामी* ] से मिलकर इतना ही कहा कि हमारी बच्ची को बढ़िया रखना ।हम और कुछ नहीं चाहते, " *जात जाए भाड़ में* ।"
इस बात पर जब जानकारी /तथ्यान्वेषण किया गया तो मालूम हुआ कि लड़की की माँ का बाल विवाह [करीब 15-16 वर्ष के उम्र में ] उनकी सजातीय पति से हुई थी लेकिन उसके पति का गांव के ही किसी महिला से अनैतिक संबंध होने के कारण घर से किरण व उसकी माँ को निकाल दिया था। तब किरन की माँ 20 वर्ष की उम्र में अपनी 2 वर्षीया पुत्री [यही अब 18 वर्षीय लड़की किरण ] को लेकर अपनी माँ के पास आ गयी थी ।
किरन की माँ ने दूसरी शादी सजातीय से की ,उनके तरफ से बच्चा पैदा हुआ ।उस सजातीय ने भी घरेलू हिंसा किया ,तब वहां से भी निकाल दिया गया और अपने पुत्र को लेकर अपनी मां के पास आ गयी।
इन घटनाओं में किरन की माँ ने समाज के कथित *ठेकेदारों व प्रशासन -पुलिस से भी न्याय की गुहार* लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इससे किरन की माँ के मन में इस कथित आदर्श -झाड़ने की बात कि " *अपने जाति में विवाह से ही खुशी मिलती है* "उन्हें बकबास लगा और जो बकबास है भी ।
शादियां दो दिलों के बीच का फैसला होना चाहिए।यदि शादियां टूटती भी है तो उसका संबंध जाति -गैर जातिय से नहीं है ।अन्य कारण होता है , *चाहे वह सजातीय विवाह हो या अंर्तजातिय।*
किरन की शादी की चिंता में उनकी माँ और नानी रात -दिन चिंतित रहती थी।अब LS3 में हुई शादी से वे चिंतामुक्त हुई हैं और अब वे अपना घर बसाने के लिए किरन की 35 वर्षीया माँ व 50 वर्षीय नानी भी रायपुर शादी कर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर रही हैं।GSS/LS3 ने उन्हें भी खुशहाल जिंदगी पाने अपनी शुभकामनाएं दी है ।
इस तथ्यान्वेषण से इस ऐतिहासिक सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि *परिवर्तन का वाहक आम जन समाज होता है* ।कथित समाज के *ठेकेदार अपनी शोषण सत्ता* बनाए रखने प्रगतिशील परिवर्तन का स्वाभाविक विरोधी होता है।
*जातिवाद का नाश भी आम जन संघर्ष की समझ से ही होगा* और धीरे-धीरे हो रहा है।जातिवादी ताकतें अपने ठेकेदार-दलालों से चाहे कितनी कोशिश कर लें ,एक दिन किरन एवं उसकी माँ जैसे लोग सामने आएंगे और कारवां बनेगा।
जातिवाद मुर्दाबाद – मानवतावाद जिन्दाबाद।
समारोह पश्चात श्री सुबोध ने नव विवाहित दंपत्ति को बधाई देते हुए कहा कि, यदि भविष्य में कहीं किसी भी तरह से उन्हें या उनके परिजनों-समर्थकों को जातिय ठेकेदारों द्वारा सामाजिक- बहिष्कार प्रताड़ना करते हैं, तो हमें सूचित करें, हम संवैधानिक समता-स्वतंत्रता आधारित न्याय के पक्ष में साथ खड़े रहेंगे। हम जातिवादी-कबीलाई जुल्मियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ेंगे।
इस अवसर पर श्री दुर्गेश कुमार अनंत [सह सचिव GSS आफिस बिलासपुर], वर- वधु पक्ष से श्री सतकुमार भाष्कर (फुलवारी मुंगेली) श्री -लेखराम डाहीरे(भुनियायापरा मुंगेली),श्री खोरबहरा (रेहुटा नवागांव पंडरिया,जिला कवर्धा ) श्री मनीष डहरिया (भूमियापारा मुंगेली),श्रीमती पुष्मा भास्कर (फुलवारी मुंगेली) उपस्थित रहे ।