December 23, 2024

गौठान ने बदली गांव एवं महिलाओं की पहचान

गौठान ने बदली गांव एवं महिलाओं की पहचान

महिलाएं गौठान में बना रही है खीला एवं चैन लिंक्ड फेंसिंग जाली तार, 25 लाख रुपये का मिला एडवांस ऑर्डर

गर्वित मातृभूमि(जय भारती)बलौदा बाजार:- राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा,गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गांव में निर्मित की गई गौठान के माध्यम से अब गांव एवं महिलाओं को एक नयी पहचान मिल रही है। गौठान में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) बनाने की परिकल्पना अब न केवल साकार हो रही है बल्कि इसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगें है। कभी दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाने वाली महिलाएं अब गांव के गौठान में ही लोहे का खीला एवं चैन लिंक्ड फेंसिंग जाली तार निर्माण कर आर्थिक लाभ अर्जित कर रही है। साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले सामग्री बनाकर कम्पनीयों को सीधा टककर दे रही है।
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के विकासखंड भाटापारा के आदर्श ग्राम गुड़ेलिया में नारी शक्ति ग्राम संगठन की महिलाओं द्वारा लोहे का खीला एवं चैन लिंक्ड फेंसिंग जाली तार बना रही है। लगभग 13 दिन पूर्व प्रारंभ हुआ उक्त यूनिट से अभी तक कुल 2 क्विंटल खीला एवं चैन लिंक्ड फेंसिंग जाली तार के 25 रोल का निर्माण हो चुका है। जिसमे से 3 क्विंटल खीला का भाटापारा नगर के दुकान द्वारा एडवांस बुकिंग की गई है। इसी तरह आसपास के ग्राम पंचायतों द्वारा चारागाह एवं गौठान के फेंसिंग के लिए 6 सौ रोल चैन लिंक्ड फेंसिंग जाली तार का एडवांस आर्डर मिल चुका है। इससे लगभग 25 लाख रूपये से अधिक की राशि का अर्जन होगा। जिसमें खर्चा काट कर साढ़े 3 लाख रूपये का शुध्द लाभ महिला समूह के सदस्यों को प्राप्त होगा। चैन लिंक्ड फेंसिंग जाली तार यूनिट में काम करने वाली नारी ग्राम शक्ति संगठन की सदस्य श्रीमती कला धु्रव ने बताया कि उक्त यूनिट में 2 महिला सहित 1 पुरूष सदस्य कार्य का रहे है। प्रतिदिन मशीन से 12 से 15 रोल तैयार कर लेते है। प्रत्येक रोल 50 फीट का एवं वजन में 53 किग्रा का होता है। प्रतिकिलो ग्राम 80 रूपये की दर से विक्रय की जा रही है।  इसके लिए प्रारंभ में हमें जिला पंचायत द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया। इसी तरह खीला बनाने वाले यूनिट की प्रभारी राजकुमारी ध्रुव ने बताया कि हमारे इकाई में प्रतिदिन 1क्विंटल खीला बनाया जा सकता है। इसके लिए भी प्रतिकिलो ग्राम 80 रूपये की दर से बेचा जा रहा है। जिसमें लगभग 70 रूपये प्रतिकिलो ग्राम का अनुमानित खर्च होता है। रिपा के संचालन से महिला समूह की सदस्य बेहद ही खुश है एवं अतिरिक्त आय प्राप्त कर अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ परिवार के आर्थिक गतिविधियों में भी अपना हाथ बंटा रही हैं। उन्हें काम की तलाश में अब बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होनें आगे समूह के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे संगठन में गांव की कुल 20 महिला समूह की कुल 200 महिलाएं काम कर रही है। हमारे यहां फ्लाईएश ब्रिक्स, पेवर ब्लॉक, मसाला, चप्पल, दोना-पत्तल सहित अन्य निर्माण कार्य किए जा रहे है।
*अधिकार पत्र में रखतें है कामकाज का हिसाब*
गांव के सरपंच एवं उपसरपंच की सक्रियता से समूहों के सदस्यों के काम काज का हिसाब,मजदूरी का भुगतान एवं रोटेशन में काम की विस्तृत जानकारी के लिए सभी सदस्यों को अधिकार पत्र पुस्तिका प्रदान किया गया हैं। जिसमें प्रतिदिन उपस्थिति सहित अन्य जानकारी दर्ज की जाती है।

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