December 23, 2024

ग्राम पंचायत बरौधी के ग्रामीणों ने महामाया खुली खदान परियोजना हेतु ज़मीन अधिग्रहण के संबंध में किया ग्राम सभा।

ग्राम पंचायत बरौधी के ग्रामीणों ने महामाया खुली खदान परियोजना हेतु ज़मीन अधिग्रहण के संबंध में किया ग्राम सभा।

मो0 सुल्तान सूरजपुर

सुरजपुर/:– जिले के ग्राम पंचायत बरौधी के ग्राम पंचायत भवन में सूचना चस्पा की गई है जिसमें महामाया खुली खदान परियोजना हेतु ग्राम पंचायत बरौधी के अधिग्रहित भूमि में स्थित भू स्वामियों के भूमि मुआवजा मकान मुआवजा एवं विस्थापन संबंधी जानकारी या किसी प्रकार की मांग शिकायत निराकरण हेतु खान प्रबंधक कार्यालय द्वारा मनमानी करते हुए राजस्व अधिकारियों से साठगांठ करते हुए ग्रामीणों के सहमति के बिना ही संबंधित राजस्व विभाग के अधिकारियों से साठगांठ कर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है और ग्रामीणों द्वारा राजस्व अधिकारियों से इसकी जानकारी मागी जाती है तो उनके द्वारा कोई भी जानकारी देने से साफ मना कर दिया जाता हैं ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत बरौधी के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है और इस संबंध में एसईसीएल और राजस्व विभाग के अधिकारियों और मनमानी के खिलाफ 2/05/2023 को ग्राम पंचायत भवन में ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, उपसरपंच और ग्रामीणों की उपस्थित में ग्राम सभा आयोजित कर प्रस्ताव पारित कर जिला कलेक्टर, एसपी, एसडीएम और कमिश्नर से मिल कर ज्ञापन सौंपने और इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग करने की बात कही जा रही है वही इस संबंध में तहसीलदार भटगांव और एसडीएम भैयाथान से फोन के माध्यम से संपर्क किया गया संज्ञान लेने के लिए लेकिन शायद किसी व्यस्तता के कारण दोनों के द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया इस कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।

महामाया खुली खदान परियोजना हेतु की जा रही है ज़मीन अधिग्रहण

ग्राम पंचायत बरौधी के ग्रामीणों ने बताया कि हम पुश्तैनी निवासी है तथा हमारे पूर्वज कई पुस्तो से यहां के भूमि पर जीवोकापर्जन करते आ रहे हैं जिस भूमि का एसईसीएल के द्वारा अधिग्रहण महामाया खुली खदान परियोजना अंतर्गत किया गया है जिसका ग्रामीणों के साथ बैठक महामाया खदान के अधिकारियों के द्वारा आज तक एक भी बार नहीं किया गया है। ग्राम पंचायत बरौधी के असिंचित भूमि का बाजार मूल्य कुछ वर्ष पहले के रजिस्ट्री रिकॉर्ड के अनुसार 12 लाख रुपए प्रति एकड़ है जहा शासन के दिशा निर्देशानुसार अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा राशि दर में जो भी अधिक हो उसकी दुगनी राशि के बराबर भुगतान किया जाना है अर्थात उपरोक्त अनुसार ग्राम पंचायत बरौधी के भूमि पर मुवावजा 24 लाख रुपए प्रति एकड़ न्यूनतम निर्धारण होना चाहिए तभी इस परियोजना हेतु हम ग्रामवासी भूमि देने हेतु सक्षम होंगे।

तीन फसलीय के अनुसार मुवावजा दी जाए

ग्रामवासियों की भूमि पर नाले, तलाब, बोरवेल, ढोढी तथा कुआं है जिससे पर्याप्त सिंचाई के साधन उपलब्ध होने के कारण तीन बार फसल का उत्पादन करते हैं किंतु मुआवजा का निर्धारण असिंचित भूमि के आधार पर किया गया है जिस की जानकारी पटवारी के रिकॉर्ड या ऑनलाइन फसल विवरण में जाकर देखा जा सकता है जिसका मूल्य का निर्धारण स्थल निरीक्षण कर भूमि की किस्म के आधार पर जारी किए जाएं

वर्तमान भू स्वामियों के अनुसार मुवावजा बनाया जाय

महामाया खुली खदान परियोजना द्वारा जो भी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है अधिग्रहित भूमि का एक साथ मुवावजा मनाया जाए तथा एक ही दर्पण निर्धारित किया जाए मुवावजा राशि का भुगतान वर्तमान भूस्वामी के नाम पर मुआवजा बनाया जावे तथा वर्तमान भूस्वामी को मुवावजा व नौकरी दिया जावे तत्पश्चात नवीन कार्य प्रारंभ किए जाए।

नाला डायवर्सन के वक्त अधिग्रहण किए गए जमीन के 38 भूस्वामियों का पहले किया जाए निराकरण

ग्राम पंचायत बरौधी में पूर्व में महामाया परियोजना अंतर्गत नाला डायवर्सन हेतु भूमि अधिग्रहित की गई है जिसमें 38 भूस्वामी को आज तक रोजगार नहीं दिया गया तथा सात भू स्वामियों का न तो आज तक मुआवजा बनाया गया है और ना ही एसईसीएल में रोजगार संबंधी प्रक्रिया पूरी की गई जबकि अपने नाम पर भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया करा लिया गया है जो नियम विरुद्ध है उक्त भूस्वामी को पहले रोजगार प्रदान की जाए वही जिनके मुवावजा बनाना बच गया है उसका निराकरण कर प्रदान करें जिससे आगे की परियोजना कार्य को गति प्रदान किया जा सके।

पटवारी द्वारा प्रशासनिक और उच्चाधिकारियों के दबाव में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की बात कही

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है की दस्तावेजों पर लगातार हस्ताक्षर पटवारी द्वारा किया जा रहा है जबकि संबंधित पटवारी संजीव पटेल आज तक ग्राम पंचायत में नहीं आए हैं और ना ही किसी ग्रामीण से मिले है और ना ही ग्राम पंचायत बरौधी के किसानों और भूमि की वास्तविक स्थिति से अवगत हैं फिर भी उनके द्वारा हस्ताक्षर किया जा रहा है जिसकी जानकारी हमको नहीं है वही इसकी जानकारी मांगने पर अधिकारियों के द्वारा बोला जाता है की हम एसईसीएल से संबंधित कोई जानकारी नहीं दे सकते जिस पर संबंधित प्रभारी पटवारी बरौधी संजीव पटेल से ग्रामीण बात करते है तो पटवारी द्वारा बताया जाता है कि प्रशासनिक और उच्चाधिकारियों के दबाव में हस्ताक्षर करना पड़ रहा वही मीडिया के द्वारा जब इस विषय पर पूछा गया की वो प्रशासनिक अधिकारी और उच्चअधिकारी कौन है जिनके दबाव में आपको हस्ताक्षर करना पड़ रहा है तो पटवारी संजीव पटेल सवालों के जवाब देने से बचते रहे वहीं ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी यही बात लगातार दोहराते रहे।

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