गोधन न्याय योजना बना अतिरिक्त आय का जरिया, सरकार के सपने हो रहे साकार। भैयाथान जनपद के सभी गौठानों से समूह की महिलाएं हो रही है आर्थिक रूप से सशक्त
गोधन न्याय योजना बना अतिरिक्त आय का जरिया, सरकार के सपने हो रहे साकार
भैयाथान जनपद के सभी गौठानों से समूह की महिलाएं हो रही है आर्थिक रूप से सशक्त
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर- राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना गौपालकों एवं किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है। जिससे ग्रामीणों में पशुपालन को लेकर रुझान बढ़ रहा है, वही किसान गोबर बेचकर आर्थिक रूप से सशक्त भी हो रहे है। एक समय किसी ने यह सोचा नहीं होगा कि गोबर विक्रय कर आय अर्जित किया जा सकता है। लेकिन आज शासन की महत्वकांक्षी योजना के माध्यम से यह कर दिखाया, जहां गोबर खरीद कर किसानों, गौपालकों को राशि प्रदान कर रही है, वही महिला समूह के माध्यम से बनाए जा रहे वर्मी कम्पोस्ट से अब राज्य जैविक खेती की ओर अग्रसर भी हो रहा है।
आइए आपको ले चलते है सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड की ओर जहां वर्तमान में 61 गौठान स्वीकृत है। जिसमें से 54 गौठानो में नियमित रूप से गोबर की खरीदी हो रही है। गौठानो से जुड़ी महिला स्व सहायता समूहो से वर्मी कंपोस्ट खाद के उत्पादन में जुटे है और इन्हें बेच आय अर्जित कर रहे हैं समूहों के माध्यम से अन्य गतिविधियों का भी संचालित किया जा रहा है जिसका क्षेत्र में काफी सराहना हो रही है। गोधन न्याय योजना पशुपालक किसानों एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन चुका है। इससे पशुपालक किसान व समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। वहीं इस योजना के शुरू होने से किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना के तहत 02 प्रति किलोग्राम की दर से 54 सक्रिय गौठानों में गोबर विक्रय करने के लिए 1489 पशुपालकों ने अपना पंजीयन कराया है। गौठान में संचालित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाएं अब सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त होने की दिशा में अग्रसर है। गांव-गांव में गोबर खरीदी से ग्रामीणजन कई तरह के सुविधाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग ग्रामीण महिलाएं अब अपने बच्चों की स्कूली पढ़ाई-लिखाई के साथ कई छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने में कर रहें हैं। गौठान में पशुओं के लिए डे केयर सेटर के रूप में विकसित किया है। जिसके अंतर्गत चारा खिलाने हेतु कोटरा निर्माण, पेयजल हेतु पानी टंकी का निर्माण बारिश के दिनों में पशुओं के बैठने हेतु चबूतरा निर्माण, अंजोला टैक निर्माण, बकरी शेड, मुर्गी शेड, मशरूम शेड का निर्माण किया गया है। गौठानो में खीरा, आलू, तरबूज टमाटर व अन्य मौसमी सब्जियां लगाया गया है और स्वयं सहायता समूह और समिति प्रबंधन लाभ प्राप्त कर रहे हैं। पूर्व में अदरक, हल्दी टमाटर, खीरा, तरबूज, आलू एवं अन्य मौसमी सब्जी उत्पादन पर लाखों रुपए प्राप्त कर चुके हैं। उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट को सोसायटियों एवं किसानों को विक्रय कर प्राप्त आय से वे अपने घरेलू खर्च एवं अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला है। समूह की महिलाएं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दे रही है।
स्व. सहायता समूह की महिलाएं हो रही काफी प्रसन्न
भैयाथान विकासखंड के खोपा गौठान में तुलसी महिला समूह के द्वारा बाड़ी विकास तीन लाख 34 हजार, ज्योति महिला समूह मुर्गी पालन 1 लाख 80 हजार, साक्षी महिला समूह मशरूम उत्पादन 40 हजार एवं बकरी पालन, अंडा उत्पादन ,गमला निर्माण, राइस मिल, मछली पालन कर रही है। समूह की महिलाएं बताती है कि गौठान में शासन द्वारा अच्छी जगह दी गई है, जिसका उपयोग कर वे भविष्य में दोना-पत्तल, निरमा एवं अन्य निर्माण कार्य प्रारंभ करने की कार्ययोजना बना रही हैं। ताकि घर पर रहकर अच्छा मुनाफा हो सके और अपनी जरूरतों को पूरी कर सके। अपने इस काम से स्व सहायता समूह की महिलाएं बहुत खुश हैं।
गौठान के संबंध में जनपद सीईओ विनय गुप्ता ने बताया कि विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायतों में जैविक खाद बेचकर अब तक लाखों रुपए आए अर्जित कर चुके हैं। गोधन योजना से समूह की महिलाओं ने सिद्ध किया है कि यदि किसी काम को लगन से किया जाए तो उसका परिणाम सुखद ही होता है समूह की महिलाओं को कृषि विभाग के द्वारा वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करने का नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है। आवश्यकता अनुसार सभी तकनीकी सहयोग भी दिया जाता है यही कारण है कि खाद का उत्पादन बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण हो सका है। नियमित रूप से सभी गौठानो में गोबर की खरीदी की जा रही है और पशुओं की रहने के लिए उचित व्यवस्था की गई है। महिलाएं जैविक खाद तैयार करने में सक्षम हो गई हैं एवं अपने आय में दिन-प्रतिदिन वृद्धि कर लाखों रुपए कमा रही है। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।