December 23, 2024

शासकीय भूमि में हेरा- फेरी। राजस्व कर्मचारी पर फर्जी पट्टा बनाने का आरोप

शासकीय भूमि में हेरा फेरी राजस्व कर्मचारी पर फर्जी पट्टा बनाने का आरोप

मो0 सुल्तान सूरजपुर

भैयाथान विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत खडापारा मे शासकीय भूमि को राजस्व कर्मचारी के मिली भगत से 9 लोगों का फर्जी रूप से पट्टा बनाने का मामला सामने आया है।जिसको लेकर जनपद सदस्य सुनील साहू के नेतृत्व में अनुविभागीय अधिकारी सागर सिंह के नाम तहसीलदार ओपी सिंह को ज्ञापन सौंपा है,फर्जी रूप से बने पट्टे की जांच कर दोषियों के ऊपर कार्यवाही करने की मांग ग्रामीणों ने की है।

सौपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत खाडापारा के शासकीय भूमि खसरा नम्बर 81 व 123 रकबा 29.88, 11.46 हेक्टेयर भूमि ग्राम पंचायत को तत्कालीन कलेक्टर व तत्कालीन वन मंडलाधिकारी व सहायक आयुक्त के द्वारा ग्राम पंचायत को इन दो रकबे को 2012 में आवंटित किया गया था। किन्तु खसरा नम्बर 81 व 123 में से 09 लोगों का हाल में ही राजस्व कर्मचारी के द्वारा पट्टा जारी कर दिया गया है।
वही ग्रामीणों ने बताया कि बनाएं गए फर्जी रूप से बने पट्टे में जिस व्यक्ति का नाम है वह व्यक्ति न तो गांव में कभी आएं है और ना ही हम इन्हें जानते हैं। ऐसे में इनका पट्टा बनना संदेह के दायरे में है।क्यों कि खाड़ापारा प्रकाश इण्डस्ट्रीज कोल माइन्स का प्रभावी क्षेत्र है और वहां इस समय किसी प्रकार का पट्टा व खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। ग्रामीणों द्वारा पूर्व में भी फर्जी पट्टे की जांच कराने की मांग की गई थी। लेकिन प्रशासन द्वारा आज दिनांक तक फर्जी पट्टे की जांच कर ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं दिया गया है।जिसको लेकर गुरुवार को जनपद सदस्य सुनील साहू ने ग्रामीणों संघ जारी हुए फर्जी पट्टा का जांच गंभीरतापूर्वक ग्रामीणों के समक्ष किए जाने की मांग को लेकर एसडीएम सागर सिंह के नाम तहसीलदार ओपी सिंह को ज्ञापन सौंपा है।साथ ही इसपर सात दिवस में अगर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो ग्रामीणों के द्वारा आंदोलन करने की बात कही है जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

इस दौरान सरपंच ललिता सिंह,कल्पना कुशवाहा, रामधारी,अशोक कुशवाहा, रामनारायण राजवाड़े,भोला राजवाड़े,तामेश्वर कुशवाहा, बंशु सिंह,भगवान दास,सत्यनारायण सिंह,देवी चरण,सोहन,मोहन,हीरालाल,रामलाल,सोन कुवंर सहित काफी संख्या में ग्राम के ग्रामीण उपस्थित थे।

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