अजन्मे बच्चे की ‘कब्रगाह’ बना धमतरी का निजी अस्पताल…क्लीन चिट के चलते अब तक नहीं कोई कार्यवाही…
डाकेश्वर साहू (धमतरी) :- धमतरी – धमतरी जिले में बिना परिजन की जानकारी के जबरदस्ती शहर के एक प्राइवेट अस्पताल मे गर्भपात कराने का मामला सामने आया है, जिसमे पीड़िता के मर्जी के बिना उसका गर्भपात करा दिया, मामला यह की जिले के एक थाने मे पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई की आरोपी के द्वारा शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाया जिसके बाद पीड़िता जब 6 माह की गर्भवती हो गई तो पीड़िता को आरोपी के पिता द्वारा डरा धमकाकर यह कहा गया की गर्भपात के बाद अपने बेटे के साथ शादी करवाऊंगा ,जिसके बाद शहर के एक निजी अस्पताल मे जबरदस्ती गर्भपात करा दिया गया, बता दे की आरोपी के पिता पीड़िता को पहले शासकीय अस्पताल ले गए जहाँ क़ानून के डर से वहां से शहर के एक निजी अस्पताल ले आये जहाँ डाक्टर से मिलकर बिना पीड़िता के परिजनों के उसका 6 माह का गर्भपात करा दिया गया, वही इस मामले मे पुलिस आरोपी को एक महीने बाद गिरप्तार किया गया है, पर आरोपी के पिता जिसने गर्भपात करवाया है उसके ऊपर पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, वही अस्पताल के ऊपर भी अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है,
वही जब इस मामले में उस निजी अस्पताल का स्टिंग ऑपरेशन किया तो यह बात सामने आई की उस अस्पताल मे पैसे लेकर किसी भी अविवाहित लड़की का गर्भपात कराया जा रहा है, स्टिंग ऑपरेशन में वहां के डाक्टर से भी बात किया उनका बोलना था की लड़की की माँ या पिता जी की सहमति से हम गर्भपात करा सकते है, जबकि पीड़िता को आरोपी के पिता ने दबाव पूर्वक अस्पताल मे गर्भपात करवाया था, वही बिना कोर्ट के परमीशन और कंडीशन के अविवाहित लड़की का गर्भपात करना और कराना दंडनीय अपराध है।
जब इस सबंध मे अस्पताल के एक डॉ से हमने चर्चा की तो पहले उनके द्वारा स्पष्ट कहा गया की हमारे अस्पताल मे इस मरीज का कोई इलाज नहीं हुवा है जिसके बाद नियम क़ानून का हवाला गर्भपात को सही बताने की कोशिश करता रहा, डॉ को जब हमने पीड़िता के नाम का पर्चा दिखाया तो उनके द्वारा कबूला गया की पीड़िता को उनके अस्पताल मे ब्लड चढ़ाया गया है अब इस प्रकार के गोलमोल जवाब से लगता है की इस मामले मे अस्पताल पूरी तरह जिम्मेदार है,और पुलिस प्रशासन उसे बचाने मे लगी है…!
वही पीड़िता का कहना है की मेरे साथ बहुत गलत हुआ है आरोपी के साथ उसके पिता और अस्पताल पर अगर कार्यवाही के लिए स्वास्थ मंत्री और आईजी तक शिकायत करने की बात सामने आई थीं।
हालाकि पुलिस ने आरोपी युवक को जेल भेज दिए है लेकिन संबंधित अस्पताल और दबाव बनाने वाले आरोपी के पिता पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है…
इस मामले में मानव अधिकार का संरक्षण करने वाली एक संगठन जल्द ही मुद्दे को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर कार्यवाही हेतु आवेदन सौंपने की तैयारी में है…
बहरहाल देखना होगा कि क्या कार्यवही संबंधित अस्पताल के ऊपर होती है या जांच, बयान के नाम पर लीपापोती कर मामले को रफा दफा किया जाता है…।