पंचायत कोरम पूरा किए बिना एसईसीएल के लिए जमीन नामांतरण करने तहसीलदार ने किया इस्तेहार जारी… देखिए खास खबर…
*पंचायत कोरम पूरा किए बिना एसईसीएल के लिए जमीन नामांतरण करने तहसीलदार ने किया इस्तेहार जारी*
गर्वित मातृभूमि (मो0 सुल्तान) सूरजपुर
सुरजपुर/:– जिले के तहसील भटगांव अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत बरौधी को एसईसीएल भटगांव के कोयला खदान के पक्ष में जमीन अधिग्रहण करते हुए जमीन नामान्तरण करने संबंधी आदेश का इस्तेहार तहसील भटगांव के तहसीलदार के द्वारा पंचायत कोरम पूरा किए बिना ही जमीन नामांतरण के लिए इस्तेहर जारी किया गया जिसको लेकर ग्राम पंचायत बरौधी के ग्रामीणों में आक्रोश व्यक्त है। ग्राम पंचायत कोरम के अनुमोदन बिना ही एसईसीएल भटगांव अंतर्गत कोयला खदान के लिए जमीन अधिग्रहण करते हुए जमीन नामान्तरण कराने नियम विरुद्ध नामांतरण आदेश जारी करते हुए इश्तेहार जारी करने का मामला उजागर हुआ है जहां ग्राम पंचायत बरौधी के ग्रामीणों ने बताया है कि भटगांव तहसीलदार द्वारा इश्तेहार जारी कर ग्राम पंचायत बरौधी में एसईसीएल के द्वारा महामाया खुली खदान परियोजना अंतर्गत सीबीए 1957 के तहत 64. 390 हेक्टेयर निजी भूमि व शासकीय भूमि 9. 780 हेक्टेयर का अधिकरण भारत सरकार के द्वारा किया गया है जिसका नामांतरण एसईसीएल के पक्ष में किए जाने का इश्तेहार भटगांव तहसीलदार द्वारा निकाला गया है जो कि असंवैधानिक प्रतीत होता है क्योंकि हमारे ग्राम पंचायत बरौधी में आज तक ग्राम सभा से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है और ना ही मुआवजा सूची का प्रकाशन किया गया है बिना मुआवजा दिए भूमि के हस्तांतरण कर देने से ग्राम वासियों के हितों का हनन होगा जिस विषय को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है वही जारी किए गए आदेश के संबंध में आज ग्रामीणों के द्वारा ग्राम पंचायत बरौधी के तरफ से संबंधित भटगांव तहसील कार्यालय में उपस्थित होकर तहसील कार्यालय भटगांव के द्वारा जमीन नामांतरण के लिए जारी इश्तेहार के जवाब में समय तिथि के पूर्व अपना दावा आपत्ति प्रस्तुत करते हुए अपना मजबूती के साथ पक्ष रखा अब देखना यह होगा कि इस विषय पर बड़े अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं या पूर्व की तरह ही तानाशाह रवैया अपनाते हुए एसईसीएल के पक्ष में ही कार्य करते रहते हैं।समझ से परे यह है कि आखिर एसईसीएल के अधिकारियों से कहीं अधिक प्रशासनिक अधिकारी खदान खोलने के लिए क्यों उतारू हैं जो नियम विरुद्ध आदेश जारी कर रहे हैं क्या इनके मन में ग्रामीणों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है जो बिना पंचायत कोरम पूरा किए हुए ही जमीन नामांतरण का आदेश जारी कर दे रहे हैं क्या इस विषय पर बड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को संज्ञान नहीं लेना चाहिए और क्या इस विषय को संज्ञान लेते हुए जांच कर सम्मिलित अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए आदेश जारी कर रहे हैं आखिर क्यों और किसके दबाव में।*नियमों को दरकिनार कर खोल दिया नामांतरण :—* भटगांव तहाइलदार द्वारा नियमों की अनदेखी कर नामांतरण खोला गया है। प्रक्रिया के अनुसार नामांतरण खोलने से पहले प्रस्ताव ग्राम पंचायत में कोरम से अनुमोदन कराया जाता है लेकिन इस मामले में नामांतरण खोलने से पहले प्रस्ताव का पंचायत कोरम से अनुमोदन करवाए बिना ही नामांतरण आदेश का इश्तेहार जारी करना समझ से परे हैं।*फार्म 5 और 6 में पूर्व पटवारी द्वारा हस्ताक्षर न किए जाने पर बड़े अधिकारियों के द्वारा किया गया ट्रांसफर*ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि एसईसीएल भटगांव और राजस्व विभाग के सांठगांठ के सौजन्य से राजस्व अधिकारियों के द्वारा फॉर्म 4 और 5 में ग्राम पंचायत पटवारी से हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया जिस पर पटवारी विरेंद्र जायसवाल के द्वारा ग्रामीणों की रिकॉर्ड देखे बिना हस्ताक्षर करने से मना करने पर राजस्व अधिकारियों के दबाव में उच्च अधिकारियों के द्वारा विरेंद्र जायसवाल का अन्य जगह स्थानांतरित कर दिया गया है जहां राजस्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा अपने चहेते पटवारी को ग्राम पंचायत बरौधी में लाकर बैठाया गया है जहां ग्रामीणों के द्वारा मुआवजा प्रकाशन की सूची तहसील कार्यालय से मांगी जाती है तो कार्यालय के द्वारा कहा जाता है कि आप एसईसीएल में जाकर ले लो इस सब से यही प्रतीत होता है कि राजस्व विभाग और तहसील कार्यालय भटगांव एसईसीएल के दबाव में कार्य कर रहा है और नियम विरुद्ध कार्य करने से मना करने वाले पटवारी का ट्रांसफर कर अपने चहेते पटवारी से कार्य कराने के लिए संबंधित स्थान पर भेजा गया है।