लोक गायक लेखक प्रीत लाल कुर्रे ने उठाया बीड़ा छोटे छोटे लोक कलाकारों कवियों लेखकों गायको साहित्यकारों को एक मंच प्रदान करने कलाकार सम्मान समारोह का आयोजन जिससे लोक कलाकार अपनी कला प्रतिभा को एक नई पहचान दे देश दुनिया को अपनी कला प्रतिभा से सम्मानित हो सके इसके लिए सभी को मंच प्रदान मिल सके इसके लिए एक अभियान चला जा रहा है !
गर्वित मातृभूमि / छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को सहेज की प्रयत्न से एक छोटे से गांव से उभरते हुए लोक गायक लेखक कलाकार प्रीतलाल कुर्रे जो की जिला बलौदाबाजार के अंतर्गत ग्राम तेलासीपुरी धाम का रहने वाले हैं जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश कलाकार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष है जिन होने छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी लोक संस्कृति विधाओ के लोक कलाकारों को संपूर्ण छत्तीसगढ़ के सभी गांव कस्बा मै निवासरत लोक कलाकारों के लिए समय-समय अनुरूप लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर कलाकारों को मंच प्रदान करने का बीड़ा उठाया है उनके इन प्रयास से गांव और शहर एवम् सभी जिला संभाग से छोटे छोटे लोक कलाकारों गायक कवियों लेखकों साहित्यकारों को एक अपनी कला प्रतिभा को एक नई पहचान मिल सके इसके लिए एक अभियान चला जा रहा है जिसमें हमारी छत्तीसगढ़ की महिमा माटी को पूरे विश्व पर्यटन के नाम से हमारी संस्कृति को बढ़ावा मिल सके एवं हमारे छत्तीसगढ़ के धरोहर माटी को सभी जान पहचान सके हमारी छत्तीसगढ़ में बहुत कुछ देखने और सुनने को मिलेगा छत्तीसगढ़ में बहुत महापुरुषों देवीओ का महिमा का बखान किया जाता हैं जिसमे आज भी हमारी संस्कृति सभ्यता छत्तीसगढ विशाल पर्यटन स्थल के नाम से जाना जाता हैं !
इन ही कड़ी में लोक गायक
प्रीत लाल कुर्रे जी अपने गीत संगीत कला संस्कृति कविता काव्य संग्रह लेखन के माध्यम से कहा हैं !
गीत मोर छत्तीसगढ़ महतारी धान के कटोरा
तोर महिमा हवय भारी मोर छत्तीसगढ़ महतारी
धान के कटोरा भारत माँ के दुलारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
नदिया नरवा डोंगरी पहाड़ी
कोरा म तोर इतरावय हे
हरियर हरियर खेती डोली
पुरवइय्या संग लहरावय हे
अमरइय्या म कुहकत हे
मनमोहनी कोयलिया कारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
ईहा सुवा करमा पंथी ददरिया जस जवारा मान ल तोर बढ़ावय हे छत्तीसगढ़ मोर छंइहा भुंइया
मया के अचरा तोर ओढ़ावय हे
तोर कोरा म गुँजत रहिथे
लइका के किलकारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
लोक गायक कवि लेखक
प्रीत लाल कुर्रे
ग्राम तेलासी जिला बलौदाबाजार छत्तीसगढ़