योगी सरकार में योगी सरकार की ही स्थानांतरण नीति कृषि विभाग में हुई फ्लॉप
गर्वित मातृभूमि उत्तर प्रदेश अयोध्या मण्डल ब्यूरो चीफ रविन्द्र वर्मा
अम्बेडकरनगर
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर दूसरी बार काबिज होने के बाद योगी सरकार ने तबादले के लिए एक नीति लेकर आई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर लोक निर्माण और शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारियों के ट्रांसफर किए गए हैं. हालांकि, इन तबादलों में योगी सरकार के ट्रांसफर पॉलिसी का पालन नहीं किया गया, जिसके चलते विभाग के अधिकारी घिर गए हैं.ऐसे में सवाल उठता है कि कृषि विभाग में हुए ट्रांसफर में क्या योगी सरकार की तबादला नीति की अनदेखी की गई है, जिससे सियासी घमासान छिड़ गया है. बता दें कि योगी सरकार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद एक नई ट्रांसफर पॉलिसी लाई थी. इस नीति के तहत समूह-ख और ग के अधिकारी और कर्मचारी एक जिले में 3 साल और एक मंडल में 7 साल से ज्यादा नहीं रह सकते. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से लेकर शिक्षा विभाग और लोक निर्माण विभाग तक में तबादले हुए हैं, लेकिन योगी सरकार की तबादला नीति की कई विभागों में अनदेखी किए जाने का भी मामला सामने आया है. कृषि विभाग में तैनात सुनील वर्मा जिनकी नियुक्ति कृषि विभाग में लगभग 2016 में हुई थी परंतु विभागीय अधिकारियों के चहेते होने के कारण आज तक इनका तबादला विभाग के द्वारा नहीं किया गया यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है। मिली जानकारी के अनुसार पता यह चला विभाग के लिए यह कमाऊ पूत के रूप में जाने जाते हैं। शायद यही कारण है कि विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा स्थानांतरण की लिस्ट में सुनील कुमार वर्मा का नाम नहीं भेजा गया।