December 22, 2024

नावापारा स्कूल के नशेड़ी शिक्षको पर गिरी सस्पेंशन की गाज

गर्वित मातृभूमि बलौदाबाजार से सूरज कुमार की रिपोर्ट

क्लास रूम में सोना दो शिक्षको को पड़ा भारी एक इन्क्रीमेंट रोका गया

बलौदाबाजार/कसडोल। स्कूल को शिक्षा का मंदिर और शिक्षकों को गुरु का दर्जा दिया जाता है। गुरु ही नशे कि हालत में स्कूल पहुँचे तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा इसे सोचने और समझने वाली बात है। ऐसे शिक्षक बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगाने का काम कर रहे है।

एक मामला कसडोल विकासखण्ड के पूर्व माध्यमिक शाला नावापारा से जहाँ प्रधान पाठक सहित चार शिक्षक पदस्थ है। चारो शिक्षा विभाग से बराबर तनख्वा लेते पर अपने मनमर्जी से काम करते हुए सरकारी आदेशो का धज्जियां उड़ाते देखे जाते थे। जिसकी शिकायत पालक और बच्चों ने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी से किया था। शिकायत के आधार पर जाँच करने के लिए सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रमाकांत देवांगन स्कूल पहुँचे थे। जहाँ जांच अधिकारी ने पालक व विद्यार्थियों शिक्षको के सामने जांच कर पंचनामा तैयार किया गया। पालक और बच्चों ने प्रधान पाठक नारायण टंडन और शिक्षक छोटुदास महंत पर शराब पीकर नशे की हालत में स्कूल पहुचने का आरोप लगाया था। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोनो शिक्षको को सस्पेंड किया गया है और विकासखण्ड कार्यालय में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। वही वंदना शर्मा पर समय मे स्कूल नही आने का आरोप लगाया था,साथ ही ललित नारायण शर्मा पर समय पर स्कूल नही आने और कभी आ जाते तो क्लास रूम में सोने का आरोप बच्चों और पलको ने लगाया था, इन दोनों पर करवाई करते हुए एक इन्क्रीमेंट रोकने का आदेश जारी किया गया है। राज्य सरकार शिक्षा को लेकर बड़े- बड़े दावे करती नजर आती परन्तु ऐसे शिक्षको के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद होती दिखाई देती है।

राधेलाल जायसवाल विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का कहना है, शिकायत और जाँच प्रतिनिवेदन के आधार पर- वंदना शर्मा और ललित नारायण शर्मा का एक इन्क्रीमेंट रोकने एवं प्रधान पाठक नारायण टंडन और छोटू दास महंत का प्रभाव से सस्पेंड करते हुए विकासखण्ड मुख्यालय में संलग्न किया गया है।

रिपोर्टर सूरज कुमार बलौदाबाजार से

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *