*अंजू कंवर की नई पुस्तक ” स्याही के कागज”*
गर्वित मातृभूमि
अंजू कंवर की नई पुस्तक ” स्याही के कागज” wordwinggle publication द्वारा 30 मार्च को प्रकाशित हुई है।
स्याही के कागज” की लेखिका अंजू कंवर की कविताओं का एक संग्रह है, जिसका अर्थ है कि जब स्याही का रंग कोरे कागज पर बिखरता है, तो वह शब्दों में उतरता है, जब कलम स्याही में डूब जाती है। और कागज़ पर उतरता है, अक्षर बनाता है।
स्याही में डूबा हुआ कागज लेखकों की पहचान बताता है। हर पन्ना लेखक के संघर्ष की कहानी कहता है।
एक कवयित्री कैसे अपने जीवन में संघर्ष कर अपनी पहचान बनाती है…
राजस्थान जयपुर की अंजू अपनी पुस्तकों में महिलाओं और सामाजिक शोषण के विरुद्ध अपने लेख लिखती है, उनका ब्लॉग the social connection इन्ही के ऊपर लिखा है, अंजू कंवर को 13 पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है, युवा लेखिका अंजू ने अपने परिवार समाज और देश का नाम रोशन किया।
इन्होंने लेखन की शुरुआत 2006 से को थी जब उनको पहली कविता प्रकाशित हुई थी,
जब से उनका दौर शुरू हुआ,
सफरनामा, मिडनाइट सन, , the beautiful life, सुनहरे पंख, फाग का गुलाल, clash of ocean waves, मेरी मां, मैं नारी हूं, high spirits,
इक अरदास दिल से, आदि पुस्तके प्रकाशित हुईं,
अंजू कंवर का मानना है को लिखना एक जीवन को बेहतर बनाता है, लिखना ना केवल कला है बल्कि यह हमारे जीवन के भाव बयां करती है,
दुख,सुख हसी गम यही भाव हमारा लिखना बयां करते है, स्त्री का जीवन एक कहानी है, जो हर दौर पर चलती रहती है उसकी कहानी का किस्सा खत्म नहीं होता बल्कि चलता रहता है।