कोरबा का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल सर्वमंगला मंदिर – वेदप्रकाश महंत.देखिए खास खबर……
कोरबा का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल सर्वमंगला मंदिर – वेदप्रकाश महंत.
गर्वित मातृभूमि कोरबा :- कोरबा शहर का प्रसिद्ध सर्वमंगला मंदिर हसदेव नदी के तट से लगा हुआ है। यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है। दीवारों पर माता के अलग अलग रूपों को ख़ूबसूरती से बनाया गया है। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु माता के दर्शन को आते हैं। मंदिर के पंडित जी के अनुसार प्रांगण में 500 साल पुराना वटवृक्ष है। वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर भक्तगण मन्नत मांगते हैं। सैकड़ों रक्षा सूत्र वृक्ष में बंधे हुए हैं। मंदिर के बाहर कई स्टाल हैं, जहां से प्रसाद व पूजन सामग्री खरीदी जा सकती है। मंदिर का एंट्री गेट भव्य बना हुआ है।वट वृक्ष के नीचे राम भक्त हनुमान जी का छोटा सा मंदिर है। बगल में एक बड़ा मंदिर है। इसमें सबसे नीचे विष्णु धाम है। मंदिर के पहले फ्लोर पर शिवलिंग स्थापित है। सबसे ऊपर घोड़ों से सजे रथ पर सवार सूर्य देवता की भव्य प्रतिमा है।मां सर्वमंगला मंदिर का 122 साल पुराना पुजारी अनिल पांडे के अनुसार वटवृक्ष को मनोकामना पूरा करने वाला वृक्ष माना जाता है। कभी इस वृक्ष के नीचे हाथी आराम किया करते थे। वहीँ झूले जैसी डालियों पर मोर भी आकर आराम व क्रीडा करते थे। मंदिर का निर्माण जमींदार राजेश्वर दयाल के पूर्वजों द्वारा कराया गया था। मंदिर का इतिहास 122 साल पुराना है, जिसकी स्थापना सन् 1898 के आस पास मानी जाती है। बताया जाता है कि मंदिर परिसर में एक गुफा है जो नदी के नीचे जाता है और दूसरी तरफ निकलता है। नवरात्रि में हज़ारों की संख्या में ज्योति कलश की स्थापना की जाती है। मंदिर परिसर में त्रिलोकीनाथ मंदिर, काली मंदिर, हनुमान मंदिर, शीतला माता मंदिर, भैरवनाथ मंदिर व अन्य छोटे-बड़े मंदिर हैं।कोरबा शहर से सर्वमंगला मंदिर की दूरी
करीब 7 से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। जांजगीर चांपा से सर्वमंगला मंदिर की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। वहीं बिलासपुर से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर सर्वमंगला मंदिर स्थित है। वहीं चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ माता का दर्शन करने उमड़ रहीं है ।