गुणवत्ता विहीन पानी टंकी निर्माण को लेकर जिम्मेदार बेसुध
जिला ब्यूरो पुष्पेन्द्र जांगड़े
ठेकेदारों की मनमानियों पर नकेल न कस पाने से जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
करोड़ों की लागत से बन रही पानी टंकी मजदूरों के भरोसे नियमों को ताक पर रखकर कराया जा रहा है मदारिया
सक्ति/गर्वित मातृभूमि। जल जीवन मिशन के तहत जैजैपुर विकासखण्ड में ठेकेदार का भ्रष्टाचार रूपी रावण राज चल रहा है, ठेकेदार की मनमानी इस कदर हावी है कि अपने पानी टँकी निर्माण की बात हो या नल चबूतरा की बात हो दोनों जगह भ्रष्टाचार को अंजाम देने में कोई कसर नही छोड़ रहा है। जैजैपुर के ग्रामीण इलाकों में पानी टंकी निर्माण कार्यो को देख कर ऐसा लग रहा है कि विभागीय अधिकारी ठेकेदारों से प्रसन्न है जबकि ठेकेदार द्वारा निर्माण स्थल पर बिना सूचना बोर्ड के निर्माण कार्य बड़े आसानी से अधिकारियों के ख़ौफ़ के बिना मजदूरों के भरोसे प्रयाप्त मटेरियलों का उपयोग ना करते हुए मनमाने तरीके से निर्माण कर रहा है। एक पानी टंकी निर्माण में करोड़ों रुपए का राशि खर्च किया जा रहा है फिर भी टंकी की रूप रेखा सरकार द्वारा तैयार किया गया है उस नियमों को ताक पर रख कर निर्माण कार्य कर रहे हैं। जिसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कार्य स्थल से जिम्मेदार रहते हैं नदारद
सक्ति जिले के जैजैपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम तुमीडीह और छिराड़ीह में पानी टंकी का निर्माण कराया जा रहा है जो ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसमे पी एच ई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा निर्माण हो रहे पानी टंकी का निरीक्षण करने व झांकने भी नही आ रहे है जिससे ठेकेदार का मनोबल मजबूत होते जा रहा है और पानी टंकी का निर्माण गुणवत्ताविहीन होते जा रहा है पानी टंकी का कालम तो खड़ी कर दिए है लेकिन उस पर पानी का सिंचाई का कोई व्यवस्था नहीं दिखाई दे रहा ठेकेदार द्वारा बिना कोई सूचना बोर्ड लगाए निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं इससे ग्रामीणों को पानी टंकी की कौन से स्टीमेट व कितनी लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया जा रहा है, किस ठेकेदार के द्वारा निर्माण कराया जा रहा है इससे ग्रामीण अनभिज्ञ है जिससे ठेकेदार द्वारा करोड़ो रुपए की लागत से निर्माण होने वाली पानी टंकी को बड़े आसानी से ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता विहीन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है।
बिना सूचना पटेल के किया जा रहा निर्माण कार्य
शासन का स्पष्ट निर्देश है कि शासकीय निर्माण कार्य करने के पहले नागरिक सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य है जिसमें निर्माण एजेंसी,इंजीनियर का नाम व नम्बर, ठेकेदार का नाम व कम्पनी का नाम, लागत राशि, कार्यादेश की तिथि, निर्माण पूर्ण होने की समयावधि आदि का उल्लेख रहता है।ताकि शासन के प्रति नागरिकों के नजर में पारदर्शिता बनी रहे लेकिन ठेकेदार एवं इंजीनियर की मिलीभगत से जानबूझकर सूचना बोर्ड नही लगाया जाता है ताकि किसी को पता न चले और भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा सके। ठेकेदार एवं इंजीनियर द्वारा शासन के नियमों का अनदेखी किया जा रहा है। अब देखना होगा कि मामला मीडिया में आने के बाद आलाधिकारियों द्वारा संज्ञान में लिया जाता है या फिर उनके द्वारा भी अनदेखा कर दिया जाता है।