कोरोना किट खरीदी में हुए भ्रष्टाचार का जवाब दें मुख्यमंत्री- अमन
कोरोना किट खरीदी में हुए भ्रष्टाचार का जवाब दें मुख्यमंत्री- अमन
गर्वित मातृभूमि/महासमुंद:- भाजपा युवा मोर्चा महामंत्री अमन वर्मा ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन (सीजीएमएससी)द्वारा कोरोना जांच किट खरीदी के नाम पर हुए करोड़ों का भ्रष्टाचार को कोरोना काल में परिजनों को गंवाने वाले हजारों परिवारों का अपमान बताया है। उन्होंने बताया कि जांच किट खरीदी की आड़ में 34 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार महालेखाकार की रिपोर्ट में सामने आया है।
युवा मोर्चा महामंत्री अमन वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 46 करोड़ की कोरोना जांच किट करीब 80 करोड़ में खरीदी गई। यह 34 करोड़ रुपया किसकी जेब में गया? यह सबको पता है। छग के निवासियों का हक मारकर किए गए इस भ्रष्टाचार का जवाब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देना चाहिए। आखिर इतने बड़े घोटाले की जांच अब तक क्यों नहीं की गई है।
अमन ने कहा कि जब केंद्र की मोदी सरकार देश की जनता को कोरोना से बचाने युद्ध स्तर पर काम कर रही थी, तब छत्तीसगढ़ सरकार ने वैक्सीन पर भ्रम फैलाया। जिससे कोरोना से प्राण खोने वालों की संख्या बढ़ी। इन्होंने कोरोना सेस के नाम पर कई अरब रुपये शराब से वसूले लेकिन स्वास्थ्य पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वित्त विभाग सम्हाल रहे हैं तो किट खरीदी में करोड़ों के भ्रष्टाचार के लिए सीधे तौर पर कौन जिम्मेदार हैं, इस पर मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए।
ज्ञात हो कि महालेखाकार की आडिट रिपोर्ट के अनुसार, निविदा प्रक्रिया के विरुद्ध 46 करोड़ की किट को 79.98 करोड़ रुपये में खरीदा गया है। 36 रुपये प्रति किट की दर से मिलने वाली नौ करोड़ की एंटिजन किट को 89 रुपये की दर से करीब 23 करोड़ में खरीदा गया। वहीं 933 रुपये की दर से मिलने वाली 46 करोड़ की ट्रूनेट कांबो किट की 1120 रुपये प्रति किट की दर से 56 करोड़ रुपये में खरीदी की गई। इस मामले की अब तक जांच नहीं की गई है।