गुरुवर भेष दर्शन हेतु जगन्नाथ मंदिर में भक्तों का जन सैलाब
संवाददाता कृष्ण कुमार त्रिपाठी जिला गरियाबंद गर्वित मातृभूमि
भेष दर्शन हेतु जगन्नाथ मंदिर में भक्तों का सैलाबगरियाबंद जिला के अंतर्गत नवीन तहसील ग्राम अमलीपदर में विराजित श्री जगन्नाथ मंदिर जिसे धर्म नगरी अमलीपदर के हृदय स्थल से प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में मार्गशीर्ष मास के अंतिम गुरुवार पूर्णिमा तिथि महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का अलौकिक भेष हुआ प्रेस वार्ता में श्री जगन्नाथ जी मंदिर के आचार्य पंडित युवराज पांडे जी ने कहा समस्त भक्तों के हृदय में राज करने वाले महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का वर्ष भर में होने वाले 13 जात्रा मे रे बाबा सभी भगवान के होने वाले भेष में मार्गशीर्ष माह के अंतिम गुरुवार को होने वाले स्वरूप गुरुवर भेष की महिमा अपार है इस स्वरूप में भगवान श्री जगन्नाथ जी संपूर्ण ब्रह्मांड को गुरु के रूप में दर्शन देते हैं एवं इनके अलौकिक स्वरूप का बखान नहीं किया जा सकता जिनके गुणों का रूप का बखान वेद आगम निगम यहां तक कि शेष और शारदा भी नहीं कर सकते वह महाप्रभु जगत के कल्याण हेतु कई अवतारों में भगवान भुधरा पर प्रकट होते हैं और पतितो का उद्धार करते हैं भगवान पतित पावन है प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में भगवान को पंचोपचार षोडशोपचार पंचध्वनी द्वारा भगवान का श्री मंदिर पट खोला गया एवं महाप्रभु का प्रातः काल पूजा पाठ किया गया एवं भगवान को छप्पन भोग कार्पण किया गया और यह जो भगवान का स्वरूप है अत्यंत दुर्लभ है क्योंकि यह स्वरूप जो है बहुत ही कम समय के लिए लोगों को दर्शन करने हेतु मिलता है एवं इस स्वरूप की महिमा का बखान कोई नहीं कर सकता संध्या काल में महाप्रभु का श्री जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर में भव्य महाआरती हुई जिसमें समस्त नर-नारी वक्त श्रद्धालु उपस्थित हुए एवं विश्व कल्याण के लिए सुख समृद्धि हेतु भगवान से प्रार्थना की ।