जांजगीर सक्ती जिले में शिक्षकों को एरियर्स घोटाला में कार्यवाही नही होगी तो हाई कोर्ट में लगाएगी याचिका
जांजगीर सक्ती जिले में शिक्षकों को एरियर्स घोटाला में कार्यवाही नही होगी तो हाई कोर्ट में लगाएगी याचिका
सचिव शिक्षा विभाग एवं अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र -प्रदेशाध्यक्ष
चौदह करोड, इकहतर लाख,बत्तीस हजार,सात सौ छः रुपये एरियर्स घोटाले का मामला
गर्वित मातृभूमि/जांजगीर:- राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ भारत इकाई छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष ने सचिव शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन एवं अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर को पत्र लिखा गया है जिसमे 15 दिन के अंदर कार्यवाही की मांग किया गया है उक्त मामला प्रकाश में आया है कि जैजैपुर सहित शिक्षा जिला जाँजगीर-चाँपा तथा सक्ती के विभिन्न विकासखंडों में संविलियन पूर्व शिक्षक संवर्ग पंचायत / नगरीय निकाय को क्रमोन्नत / समयमान / पदोन्नत एरियर्स के रूप में मुकापाअ, जनपद पंचायत द्वारा भुगतान होने की शिकायत सही पायी गई हैं। नियम विरूद्ध,प्रक्रिया विरुद्ध, बिना नियमानुसार बजट स्वीकृति और प्रावधान के जाँजगीर-चांपा तथा सक्ती जिले के सभी विकासखंडों मे कुल रूपए 14,71,32,706 (शब्दों में चौदह करोड, इकहतर लाख,बत्तीस हजार,सात सौ छः रुपये का भुगतान होना पाया गया है जो प्रथम दृष्टि संदेहास्पद और बड़ी गंभीर अनियमितता प्रतीत होत है नियम विरुद्ध एरियर्स राशि के भुगतान हेतु आबंटन स्कूल शिक्षा विभाग / लोक शिक्षण
संचालनालय द्वारा नहीं किया गया है और न ही निर्देश जारी किया गया था जिला / जनपद
पंचायतों द्वारा एरियर्स राशि का सीधा भुगतान विभागीय शिक्षकों (एलबी) को हुआ है । इस
भुगतान की प्रक्रिया में विकासखंड शिक्षा अधिकारियों की भी भूमिका रही है : जिनके द्वारा ही संबंधित मुकापाअ के कथित निर्देश पर स्थानीय निधि संपरीक्षक से सर्विस बुक का व्हेरीफिकेशन कराये बिना एरियर्स राशि की गणना कर उन्हें उपलब्ध कराया गया है । यह वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता हैं। क्योंकि समुचित निर्देश, आबंटन के बिना अन्य विभाग
(स्कूल शिक्षा विभाग) के कर्मियों को एरियर्स भुगतान में तत्कालीन मुकापाअ,तीर्थराज अग्रवालजिला पंचायत,जाँजगीर-चाँपा तथा अन्य मुकापाअ, जनपद पंचायतों की प्रारंभिक पहल या संदेहास्पद भूमिका पर न तो उनके द्वारा प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया गया, और न ही उनके द्वारा विभाग के उच्च अधिकारियों यथा- जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त संचालक, संचालक लोक शिक्षण या राज्य शासन को इसकी लिखित या मौखिक जानकारी भी नहीं दी गई है तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारियों तथा संबंधित शाखा के तत्कालीन प्रभारी लिपिक की
अवैधानिक तौर पर हुए एरियर्स भुगतान में मिलीभगत को नकारा नहीं जा सकता है।