छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है। सुआ गीत का अर्थ है सुआ याने मिट्ठु के माध्यम से स्रियां सन्देश भेज रही हैं : किसान नेता अशवन्त तुषार साहू
छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है। सुआ गीत का अर्थ है सुआ याने मिट्ठु के माध्यम से स्रियां सन्देश भेज रही हैं : किसान नेता अशवन्त तुषार साहू
गर्वित मातृभूमि/महासमुन्द:- _विधानसभा_मिशन2023 क्षेत्र ग्राम खट्टीडीह में सुआ नृत्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि में किसान नेता अशवन्त तुषार साहू जी शामिल हुआ।
*आयोजक टीम के सभी सदस्यों व ग्रामीणों के द्वारा किसान नेता अशवन्त तुषार साहू का चंदन गुलाल लगाकर स्वागत किया*
अपने उद्बोधन में कहा
छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है। सुआ गीत का अर्थ है सुआ याने मिट्ठु के माध्यम से स्रियां सन्देश भेज रही हैं। सुआ ही है एक पक्षी जो रटी हुई चीज बोलता रहता है। इसीलिए सुआ को स्रियां अपने मन की बात बताती है इस विश्वास के साथ कि वह उनकी व्यथा को उनके प्रिय तक जरुर पहुंचायेगा। सुआ गीत इसीलिये वियोग गीत है। प्रेमिका बड़े सहज रुप से अपनी व्यथा को व्यक्त करती है। इसीलिये ये गीत मार्मिक होते हैं। छत्तीसगढ़ की प्रेमिकायें कितने बड़े कवि हैं, ये गीत सुनने से पता चलता है। न जाने कितने सालों से ये गीत चले आ रहे हैं। ये गीत भी मौखिक ही चले आ रहे हैं।
सुआ गीत हमेशा एक ही बोल से शुरु होता है और वह बोल हैं –
“”तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना”
और गीत के बीच-बीच में ये दुहराई जाती हैं। गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है।
साथ में संतोष कोटवार, परमेश्वर कवर, तुषार कवर, दिनेश कुमार, गौतम यादव अत्यधिक संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे