December 23, 2024

एक ही विषय पर बार बार जांच के नाम से मैनपुर के शिक्षक हो रहे परेशान

एक ही विषय पर बार बार जांच के नाम से मैनपुर के शिक्षक हो रहे परेशान

नियुक्ति के पूर्व शिक्षाकर्मियों के अनुभव प्रमाण पत्रों की हो चुकी है जांच

गर्वित मातृभूमि/गरियाबंद:- जिले के मैनपुर विकासखंड के शिक्षाकर्मियों के जांच के संबंध में एक और तथ्य सामने आया है कि वर्ष 2005 में नियुक्त शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति के पूर्व जांच हो चुकी है!यह बात पूर्व जांच के जमा पावती से प्रमाणित हो रही है!ज्ञात हो कि महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद चंदूलाल साहू जी के मांग पर जिला पंचायत रायपुर के तात्कालिक सीईओ उमेश अग्रवाल ने जांच कमेटी गठित कर जांच करवाया था!उक्त जांच कमेटी में पूर्व अनुविभागीय अधिकारी गरियाबंद,अतिरिक्त तहसीलदार गरियाबंद और अतिरिक्त तहसीलदार मैनपुर ने संयुक्तरूप से जांच किया था!जांच कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट जिला पंचायत रायपुर को दिनांक 29 अगस्त 2005 को सौंपाकर जमा पावती लिया था!जिसकी प्रति सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त हुई है!जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि 01 से 40 तक 01 पृष्ठ का जांच प्रतिवेदन था!जिसमें 51अनुभव प्रमाण पत्र,अंतिम चयन सूची 01तथा जाति एवं निवास प्रमाण पत्र 06 शामिल है!जिसे जमाकर अनुविभागीय अधिकारी गरियाबंद ने जमा कर पावती लिया था!इस आधार पर शिक्षाकर्मियों का मानना है कि पूर्व जांच कमेटी के अधिकारी
वर्तमान जांच कमेटी के अधिकारियों से बडे़ दर्जे के थे!
जिनके जांच में दस्तावेज सही थे!इसीलिए नियुक्ति के पूर्व जांच में कोई प्रतिकूल कार्यवाही नही हुई थी!लेकिन उनसे निचले दर्जे के वर्तमान जांच कमेटी के अधिकारियों ने वर्ष 2016-17 में जांच कर प्रतिवेदन में उल्लेख किया है कि शासकीय शालाओं में अनुभव अंक की पात्रता नही है!जिससे क्षुब्ध होकर शिक्षा कर्मियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी!सुनवाई करते हाईकोर्ट ने भर्ती अधिनियम 1997 के 9 (1) (ख)एवं छत्तीसगढ़ शासन संयुक्त सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दिशा निर्देश परिपत्र दिनांक 20 जुलाई 2007 के तहत स्पष्ट आदेश किया है कि शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्र पर अंक की पात्रता है!जिसके परिपालन के लिए कहा गया है!जिस संबंध में पूर्व में कई बार शिक्षाकर्मियों ने जनपद पंचायत मैनपुर,जिला पंचायत गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद,और विकासखंड शिक्षाअधिकारी मैनपुर को निराकृत आदेश की प्रति सहित लिखित आवेदन प्रस्तुत कर अवगत कराया है!ज्ञात हो कि हाईकोर्ट के इसी आदेश के तहत वर्तमान में वर्ष 2007 में नियुक्त पूर्व बर्खास्त शिक्षाकर्मी श्रीमती ऐनकुमारी साहू बहाल होकर सेवा में कार्यरत हैं!इस तरह शासकीय शालाओं के शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्रों पर अंक की पात्रता पर निराकरण हो चुका है!वही दूसरी ओर एक ही विषय पर बार बार जांच के नाम से शिक्षाकर्मियों को मानसिक रूप से परेशान होना पड़ रहा हैं!जो शिक्षाकर्मियों के साथ सरासर अन्याय है!इन सभी तथ्यों पर जिला प्रशासन को गंभीरता से विचार मंथन कर निर्णय लेना चाहिए,जिससे कि निर्दोषों पर कोई भी प्रतिकूल कार्यवाही न हो!

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