साजा क्षेत्र में नरवा योजन के तहत की जा रही है भू जल स्तर में वृद्धि
साजा क्षेत्र में नरवा योजन के तहत की जा रही है भू जल स्तर में वृद्धि
गर्वित मातृभूमि(बिनोद कुमार)बेमेतरा:- 28 नवम्बर 2022 ।छत्तीसगढ़ शासन की फ्लेगशिप योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के अंतर्गत पूरे राज्य में डीपीआर तैयार कर विभिन्न प्रकार के कार्य कराए जा रहे हैं I जिसमें प्रमुख रुप से मवेशियों के प्रबंधन हेतु गोठान निर्माण के कार्य के अलावा नरवा के अंतर्गत विभिन्न नालो का सर्वेक्षण कर ऐसे कार्यों का चिनहाँकन किया जा रहा है जिससे ना केवल पानी संरक्षित हो वरन भूजल स्तर में वृद्धि हो इसके लिए जीआईएस बेस्ड डीपीआर तैयार कर विभिन्न कार्यों का चिन्हांकन किया जा रहा है I बेमेतरा जिले में भी नरवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत विभिन्न नालो का चयन कर ऐसे कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे की नरवा की उम्र में वृद्धि हो साजा जनपद पंचायत क्षेत्र के 10 विभिन्न नालों को चिन्हित करते हुए 337 कार्यों का चयन किया गया है जो कि अधिकतर काम पूर्णता की ओर है इसका इंपैक्ट कुछ वर्षों के उपरांत निश्चित रूप से क्षेत्र में प्रदर्शित होने लगेगाI मुख्य नाले के साथ-साथ क्षेत्र के वाटर शेड क्षेत्र के उपचार में अधिकतर कार्य कराए जा रहे हैं I चयनित कार्यों में रिचार्ज पिट, तालाब निर्माण, अंडर ग्राउंड डाइक, भूमि सुधार, निजी डबरी निर्माण, वाटर चैनल का निर्माण एवं तालाब गहरीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल है साजा जैसे कृषि प्रधान क्षेत्र में जहां लगभग 10-12 महिने ग्रामीण किसानों द्वारा फसल उत्पादन लिया जाता है, वर्षा जल संरक्षित करना एवं नदी नालों को बारहमासी नालों की ओर अग्रसर करना नरवा प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य है I भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा की अगुवाई में निरंतर इन कार्यों में प्रगति का प्रयास की जा रही है नरवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत ग्राम पंचायत केशतरा में संपादित कार्य इसका एक प्रबल उदाहरण है जहां पर निर्मित चेक डैम से नाले में पानी संरक्षित की गई है संरक्षित जल से आसपास के किसान सिंचाई कर रहे हैं साथ ही सुरक्षित जल्द से ही मछुआरे को भी रोजगार मिला है एवं आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं सुरक्षित जल से निश्चित रूप से भूजल में वृद्धि होगी I शासन के नरवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत संपादित कार्यों से निश्चित रूप से कुछ वर्षों में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित होंगे एवं ग्रामीण भी भूजल पर अपनी निर्भरता कम करते हुए वर्षा जल को संरक्षित कर उसके उपयोग पर ध्यान देंगे I