ग्राम मोहंदी में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर श्री रूकखड़नाथ महोत्सव एवं संत परंपरा उत्सव का आयोजन किया गया
गर्वित मातृभूमि / दुर्ग
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्री रूकखड़नाथ महोत्सव एवं संत परंपरा उत्सव में पधारे बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेवधमधा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम मोहंदी में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर श्री रूकखड़नाथ महोत्सव एवं संत परंपरा उत्सव का आयोजन किया गया।जिसमें प्रातः 9:00 बजे से 12:00 बजे तक देवी का मंगल महायज्ञ संपन्न हुआ,12:00 से 2:00 बजे तक महाप्रसाद एवं 3:00 बजे से संध्या 6:00 बजे तक श्री रघुनाथ मानव सेवा सम्मान व पुरस्कार का वितरण किया गया। रूखड़नाथ महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बस्तर के राजा महाराज कमलचंद भंजदेव, विशेष अतिथि स्वामी मंगलम कृष्ण कुमार विनोद, कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित राजन शर्मा ने की साथ ही कार्यक्रम में जस गीत के रचनाकार उभयराम साहू जो बहती दरिया पुस्तक के रचयिता है, जिनकी महामाया कृपा जसगीत नामक पुस्तक का विमोचन बस्तर के राजा कमलचंद भांजदेव के हाथों सम्पन्न हुआ।बस्तर के महाराज कमल चंद भंजदेव ने अपने शब्दों में कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है।साथ ही बताया की बस्तर के जंगलों में भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल में अधिक से अधिक समय गुजारे थे।आयोजन में ग्राम मोदी नारदा रिंगनी सोडून सहित आसपास के गांव से ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे इस अवसर पर जस गीत के रचनाकार वह राम साहू की महामाया कृपा नामक पुस्तक का विमोचन किया गया महाराज कमल चंद भंजदेव ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगलों में भगवान श्रीराम ने बस्तर के जंगलों में अपने वनवास काल में अधिक समय यही गुजारे थे आज बहुत ही चिंता का विषय है कि छत्तीसगढ़ में लगातार धर्मांतरण बढ़ रहा है इसे रोकने के लिए सभी माताओं बहनों भाइयों पर जागरूकता होना अति आवश्यक है इस धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए महिलाएं सक्षम है अगर वह सीधी तो माता पार्वती है अगर वह अपने रूप में आती है तो वह माता काली है जो भगवान शिव को अपने चरणों में रख लेती है इससे निश्चित माताओं के आशीर्वाद से धर्म परिवर्तन को रोका जा सकता है।