15 टन की रॉयल्टी पर 25 टन का हो रहा परिवहन
15 टन की रॉयल्टी पर 25 टन का हो रहा परिवहन
हर महीने करोड़ों रुपए का हो रहा रॉयल्टी चोरी
गर्वित मातृभूमि/सक्ती:- नवीन जिला सक्ती के नवनियुक्त प्रशासनिक अमला को नवीन जिले में चल रहे पुराने कबाड़ पद्धति को बदलने सख्त कार्रवाई की जरूरत है। जिला निर्माण को अब दो महीना होने वाला है। ऐसे में जिला प्रशासन सक्ती को अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए जिला में चल रहे पुराने भ्रष्ट कार्यशैली में सबसे पहले काम करने की आवश्कता है।
शासन को प्रति महीने करोड़ों के राजस्व नुकसान पर नकेल कसते हुए। पुराने भ्रष्ट प्रणाली में तुरंत लगाम कसते हुए शासन को हर महीने करोड़ों का फायदा पहुंचाया जा सकता है। सक्ती जिला अंतर्गत अनेकों क्रेशर एवं खदान संचालित हो रहे हैं। जिनमें अधिकतर डोलोमाइट खदान बाराद्वार से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। डोलोमाइट खदान से निकलने वाले पत्थर पर सरकार को टन के हिसाब से प्रति टन 140 रुपए के आसपास रॉयल्टी देना पड़ता है। क्रेशर संचालक एक गाड़ी के पीछे 15 टन का रॉयल्टी पैड कर 25 से 27 टन डोलोमाइट पत्थर का परिवहन करते हैं। इस तरह हर गाड़ी के पीछे करीब 10 टन रॉयल्टी की चोरी बड़ी ही आसानी से किया जाता है। इस चोरी किए गए पत्थरों को गिट्टी बनाकर कच्चे लेनदेन में बेच दिया जाता है। इस तरह शासन को दो बार धोखा देते हुए क्रेशर संचालक प्रति महीने शासन को करोड़ों का चूना लगा देते हैं।
भ्रष्टाचार के इस गोरखधंधे को समझने वाले अब लगातार इस धंधे में पैर पसार रहें है। यही कारण है कि बीते चंद वर्षो में ही बाराद्वार क्षेत्र में क्रेशर संचालको की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कच्चे लेनदेन से जहां सरकारी टैक्स की चोरी की जा रही है, वहीं प्रति गाड़ी भार से अधिक परिवहन कर शासन को करोड़ों का हानि पहुंचाया जा रहा है। जानकारों की माने तो इस पूरे गोरखधंधे में प्रशासनिक अमला को सिर्फ चंद कार्यक्रमों के लिए कुछ चंद रुपए का चंदा इन भ्रष्टाचारियों द्वारा दिया जाता है। जबकि इस गोरखधंधे पर लगाम लगाकर शासन प्रशासन प्रति महीने करोड़ों की आमदनी कमा सकता है। खुलेआम हो रही रॉयल्टी चोरी के इस खेल पर लगाम लगाने नवीन जिला प्रशासन कब तक और क्या कार्यवाही करती है यह तो समय ही तय करेगा। फिलहाल क्रेशर संचालकों की मनमानी अभी जारी है। जिन पर प्रशासन की मेहरबानी है।