छात्रावास में रह कर पढ़ाई कर रही लड़की के सर में पड़ा कीड़ा, ग्रामीणों में भारी आक्रोश। ग्रामीणों के समस्या का जल्द होगा निराकरण :- सागर सिंह (एसडीएम)
छात्रावास में रह कर पढ़ाई कर रही लड़की के सर में पड़ा कीड़ा, ग्रामीणों में भारी आक्रोश।
ग्रामीणों के समस्या का जल्द होगा निराकरण :- सागर सिंह (एसडीएम)
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर/:– छात्रावास इसलिए दिया जाता हैं ताकि दूरस्थ अंचल के बच्चें आये और शिक्षा के साथ साथ शारारिक व मानसिक रूप से विकास हो सके, अच्छे कपड़े, स्वच्छ खाना, साफ वातावरण, छात्रावास के संस्कार को आत्म सार्थ करना और भी अनेकों प्रकार के कुरीतियों से निसाद पाना।
जिसके लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने बच्चों के भविष्य स्वारने में अपनी पूरी ताकत लगा दिए है ताकि बच्चें को उनका बेहतर अनुभव व उज्जवल भविष्य मिल सके लेकिन उनकी मंशा भ्रष्ट अधिकारियो और कर्मचारियो के कारण जमीन पर दम तोड़ता नजर आ रहा है हकीकत में जाकर देखा जाए तो बच्चों की दशा देखकर लगता है कि अन्याय करना और लंबी गाड़ियों में एअरकंडीशनर चालू कर के घूमना मानो इनका शौख हो गया है जनता इनके कारनामे गिनाती है तो भी इनको अपने कर्मचारियों पर अड़िग विश्वास रहता हैं और जनता जनार्दन के बातों को कोई तबज्जो नही मिलता हैं फिर ग्रामीणों का आक्रोश शैलाब बनकर सामने आता हैं और यह भयभीत होकर तिलमिला उठते हैं।
मामला सूरजपुर जिले के दूरस्थ क्षेत्र खोड़ का है जहाँ एक छात्रा के सर पर घाव हो गया था और ज्यादा समय हो जाने के कारण उसमे बड़े बड़े कीड़े पड़ गए थे वही दबंग अधीक्षिका ने कहा मुझे देर से पता चला जो मेरी रिस्तेदारी में नहीं आती हैं यह कहकर अपना पल्ला झाड़ते हुई नजर आई।
बात करें छात्राओं की सुविधाओं पर तो ग्रामीणों ने अनगिनत आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी व अधीक्षिका छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं पर डाका डाल रहे हैं तथा छात्राओं को न तो पीने के लिए पानी पढ़ने के लिए बिजली व अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही है। आश्रम में अधीक्षिका के पति व उनकी दो सहलिया वर्षों से रह रही हैं इन्हीं के कमरों में बिजली की रोशनी रहती है जबकि छात्राएं ढिबरी से पढ़ाई करती है। स्वयं नहाने-धोने के बाद अधीक्षिका छात्राओं को पानी नहीं देती। छात्राएं गाव के कुएं से पानी लाकर नहाती-धोती है। खाने में उन्हें लम्बे समय से रखा हुआ खराब सोयाबड़ी की सब्जी दी जा रही है। छात्राओं के भोजन में कई बार कीड़े निकले है। मंडल संयोजक को शिकायत करने पर वे आश्रम की व्यवस्था को सर्वोत्कृष्ठ बताकर छात्राओं व ग्रामीणों को शांत कर देते है। ग्रामीणों ने सहायक आयुक्त व मंडल संयोजक पर छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं पर डाका डालने का भी आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने बताया कि मंडल संयोजक सिर्फ पैसा वसूली करने आते हैं।
छात्रावास की बात हो और मंडल संयोजक पीछे रहे ये कैसे संभव हैं आए दिन सोसल मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है और इनके उत्कृष्ट कारनामे देखने को मिलता है ओड़गी ब्लॉक में सबसे बड़े भ्रर्ष्टाचारियों में प्रबल नाम इनका आता है या यूं कहें कि यह नौकरी सिर्फ मौज मस्ती के लिए कर रहे हैं तो यह घबराने वाली बात नहीं इनका शौक राजा महाराजा के जैसे हैं ग्रामीणों ने यह बताया है की हर एक छात्रावास में इनका रेट फिक्स है जो पैसा देगा वही अधीक्षक या अधीक्षिका पद पर रहेगा अन्यथा महाशय किसी और को अधीक्षक बनने में एडी चोटी का जोर लगा देते हैं इनका नाम आए दिन फेसबुक में छाया रहता है बावजूद इसके जिले के जिम्मेदारों के कान में जू तक नहीं पड़ता इनको पैसा वसूली के कारनामे कुछ छात्रावास के अधीक्षक इससे पूर्व में मीडिया को दे चुके हैं इनका शौक सिर्फ पैसा है, पैसा के आगे इंसानियत इनके लिए कोई महत्व नहीं है वसूल कायदे कानून इनके नज़रिए में कुछ मायने नहीं रखता चाहें जो भी हो इनको पैसा के अलावा कुछ नहीं चाहिए।
अधीक्षिका भी किसी से कम नहीं जंगल राज्य चलती हैं जो बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने में कोई संकोच नहीं करती हैं।
कन्या छात्रावास की अधीक्षिका आए दिन अपने तेवर और जंगल राज्य के रूप में क्षेत्र में चर्चित रहते है जो चेहरे में से एक हैं बच्चों पर इनका जेल के जेलर जैसे हुकुम चलता हैं इनके इजाज़त के बिना कोई परिंदा भी पैर नही मार सकता मानो इनके रवैए से ऐसा लगता है कि ये अधीक्षिका नही अपने आप को महारानी से कम नही समझती बच्चों पर अपना हुकुम ऐसे जमाती है जैसे की बच्चें इनके घर के नौकर हैं और उनका यह साम्राज्य जिसके लिए भले ही मानवता को शर्मसार होना पड़े इनके लिए यह आम बात हैं, इनके बात करने के लहजा भी बिल्कुल भी सही नही है मैडम कुछ भी पूछने पर अपना गुसैल रवैए से ही बात करती हैं बच्चों की इनको कोई चिंता नहीं चाहे कुछ भी हो इनका इगो में कोई समझौता नहीं आना चाहिए।
विधायक की संवेदना क्या रहा ग्रामीणों के बीच।
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक को हमने इस बारे में बताया लेकिन विधायक के द्वारा इसके लिए कोई जवाब नहीं आया उनके कार्य से ग्रामीण काफी नाखुश दिखाई दिए साथ ही विधायक के आशीर्वाद और संरक्षण में मंडल संयोजन यह सब काम बेखौफ करता है इसको कोई डर नहीं है स्थानीय ग्रामीणों को मंडल संयोजन यह तक बोले हैं कि इससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता जिसको जो करना है कर लो मेरे पीछे किसका हाथ है तुमको क्या पता मेरा कोई बाल बांका नहीं कर सकता हैं ना कोई अधिकारी, नेता और पत्रकार मेरा पहुंच बहुत ऊपर तक हैं।
सहायक आयुक्त को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश लगे मुर्दावाद के नारे
जिले के सहायक आयुक्त के खिलाफ़ ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और खूब नारेबाज़ी की और ग्रामीणों का आक्रोश जमकर दिखा ग्रामीणों का कहना है कि सहायक आयुक्त को इस विषय को लेकर फोन करके बताया गया तो सहायक आयुक्त ने ग्रामीणों को जमकर फटकार लगाई और ग्रामीणों को बोला ज्यादा होसियार मत बनो फिर इसके बाद सहायक आयुक्त खुद जांच करने पहुंचे और उन्होंने कहा कि कोई परेशानी नहीं है सब कुछ ठीक हैं लेकिन ग्रामीणों को इनका यह ब्यान तोड़ा संतोष जनक नही लगा और उन्होंने छात्रावास में पत्रकार सहित एक ग्रामीणों को अंदर जानें को कहा और वास्तविक स्थिति को जानने की महत्वकांक्षा रखें जैसे तैसे में सहायक आयुक्त हां बोले जहा स्थानीय और पत्रकार सहित सहायक आयुक्त के साथ अंदर गए जाते ही जो सचाई था ओ पत्रकारों के कैमरे में कैद हुआ वास्तविक स्थिति सच में बहुत खराब है छात्राओं ने अपने अधीक्षिका का पोल खोल दिया लेकिन सहायक आयुक्त साथ में होते हुए भी सुने नही, ग्रामीणों ने बताया कि सहायक आयुक्त का आगमन सालों बाद हुआ है सारे सबूत अधीक्षिका के खिलाफ फिर भी सहायक आयुक्त के द्वारा कार्यवाही के लिए दिलासा देना भी उचित नहीं समझा गया इससे ग्रामीणों ने रेड्डी हटाओ जिला बचाओ, मंडल संयोजन हटाओ ओडगी बचाओ, दुर्गावती हटाओ खोंड बचाओ का नारा जमकर लगाए।
एसडीएम के कार्य को ग्रामीणों ने सराहा
सहायक आयुक्त के बात करने के अंदाज से ग्रामीण जब आक्रोश में आए हुए थे तभी जिले के कलेक्टर के द्वारा मौके पर भैयाथान एसडीएम सागर सिंह को मामले का जांच करने को भेजा गया उनके सहज और साधारण भाषा की वजह से जहां ग्रामीणों ने सहायक आयुक्त को चार घंटा जाने नहीं दिया वहीं एसडीएम के आने के बाद आधा घंटा में फैसला हो गया और उम्मीद भरी निगाहों से एसडीएम साहब की ओर सभी ग्रामीणों ने निहारा और उचित कार्यवाही निष्पक्ष जांच करने को आग्रह किया वास्तव में ऐसे अधिकारी होना जिले में गर्व की बात हैं।
आपको बता दे की इस प्रकार का खबर इससे पूर्व में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय ओडगी का था, जहां तीन बच्चों के बेहोश होने एवं बच्चों से कड़कती ठंड में पानी भरवाने का मामला भी आया था उसको भी बिना जांच के दबा दिया गया।
अब देखना यह है की इन भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी पर प्रशासन कब कार्यवाही करती है या फिर इस कारनामे पर भी विभाग पर्दा डालने से बाज नहीं आती ये तो देखने वाली बात हैं।